ज्वलंत मुद्दा डेस्क : पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में गुरुवार को ‘संविधान बचाओ, नागरिकता बचाओ’ महारैली में कन्हैया कुमार समेत कई दिग्गज नेता और समाजसेवी शामिल हुए. महारैली में शामिल नेताओं ने CAA, NRC और NPR को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.
‘संविधान बचाओ, नागरिकता बचाओ महारैली’ को देशभर से आये वक्ताओं ने संबोधित किया. रैली को संबोधित करते हुए भाकपा विधायक महबूब आलम ने कहा कि भाजपा ने चंद लोगों की शिनाख्त के लिए CAA, NPR और NRC लेकर आयी है. एक समय था जब हिटलर ने यहूदियों को निशाना बनाया, आज नरेंद्र मोदी NRC के बहाने मुसलमानों को निशाना बना रहे है.
वही रैली को संबोधित करते हुए सदफ जफर ने कहा कि अमित शाह की बात से सहमत हैं कि मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है. आज उनको डरने की जरूरत है, जो संविधान में यकीन रखते हैं. हमें एक उंगली की ताकत से सत्ता पलट देना है, हमें सोच कर बटन दबाना है. हमें मोदी-शाह से कोई दिक्कत नहीं है, हमें उनकी विचारधारा से दिक्कत है. उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर लगने वाली हर धारा हमारे लिए बैज के समान हैं.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने कहा कि इसी गाँधी मैदना में बापू अमनऔर शांति के लिए आये थे और आज मैं आजादी कि दूसरी जंग लड़ने आया हूँ. पहली आजादी में भी बिहार कि जनता ने बापू का साथ दिया था और आज भी दे रही है.
एक दिन की लड़ाई में हम जंग नहीं जीत सकते हैं. देश के आजदी के लिए भी लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी थी. आज हम प्रदर्शन करते हैं, धरना देते हैं तो घर लौटने का यकीन नहीं होता है. आज कोई मरता है, तो पूछते हैं कि कौन मरा है? हिन्दू या मुसलमान? कहां गई हमारी इंसानियत? मैं एक बात बता देना चाहता हूँ जिन्हे CAA/NRC सिर्फ मुसलमनो के लिए लगता है ऐसा सोच रहे है तो आप ग़लतफ़हमी में है. इससे गरीब और शोषित होगा. ये सिर्फ हर एक गरीब का मुद्दा है. बापू के अहिंसा के देश में गोली मारने का आदेश दे दिया गया. बापू को भी सीने में गोली मारी गयी थी.

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर ने सम्भोदन शुरू करते ही कहा कि गर्व से कहो की हम इंसान है. पाटेकर दिल्ली की दिल दहला देनी वाली घटना का जिक्र करते हुए कहा मैं दिल्ली की उस रन मैदान को छोड़ कर गाँधी मैदान आने में असमर्थ महसूस कर रही थी. मगर यहाँ आकर ये महसूस हुआ कि दिल्ली की सत्ता को अगर कोई गिरा सकता है तो वो बस आप है. इतिहास गवाह है देश की आजादी में बिहार का क्या योगदान था. दिल्ली की तख्त को धक्का देना है, तो उसकी शुरुआत बिहार से करनी होगी. आज गंगा-जमुनी तहजीब पर हमला हो रहा है. हमें आजादी के नये आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाना है. महिलाओं का संकल्प अद्भुत होता है. हमें तिरंगा और तिरंगे के रंग की रक्षा करनी है. मेधा पाटेकर ने कहा कि असम में NRC फेल हो चुका है. वहां डिटेंशन के नाम पर जेल में डाला जा रहा है. पाटेकर ने ‘हिंदू-मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में हैं बहन-भाई’ का नारा भी दिया.
वही पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि पहले नागरिक सरकार चुनती थी. आज सरकार नागरिकों को चुन रही है. देश में आंदोलन से ही कानून बनाये गये हैं और हटाये गये हैं. यह कानून भी आंदोलन से ही जायेगा.

पूर्व आईएएस कन्नन गोपीनाथन
कन्नन गोपीनाथन सवाल पूछा कि यह कैसे साबित होगा कि शरणार्थी पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से ही आये हैं? इस संबंध में जब अधिकारियों से पूछा, तो उनका कहना था कि इस पर उन्होंने सोचा ही नहीं. आप जान जाइए, जिस दिन केंद्र की सरकार गिरेगी, उस दिन यह कानून भी चला जायेगा. उन्होंने कहा कि ये ऐसी सरकार है जो जनता को मजबूर कर रही है की वो झूठ बोले.
कन्हैया कुमार के संविधान बचाओ, नागरिकता बचाओ महारैली’ के मंच पर पहुंचते ही भीड़ ने उनका अभिवादन किया. कन्हैया कुमार ने मंच पर से ही भीड़ का स्वागत किया. उन्होंने मंच पर पहुंचने के बाद लोगों को प्रणाम के साथ सलाम भी किया.
कन्हैया कुमार ने मंच संभालते ही केंद्र सरकार पर अपने अंदाज में जोरदार हमला बोला. दिल्ली हिंसा पर कन्हैया कुमार ने कहा कि वहां राजनीतिक दल आग लगा रहे हैं. दिल्ली हिंसा के शिकार लोगों की आत्मा की शांति के लिए एक मिनट का मौन भी रखा गया. इसके साथ ही कन्हैया ने लोगों के साथ खड़े हो कर राष्ट्रगान भी गाया.

कन्हैया ने सीएए को काला कानून बताते हुए कहा ‘मैं इसके खिलाफ लड़ता रहूंगा’. कन्हैया ने कहा कि सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ ग्राम पंचायत में प्रस्ताव पारित कराने के लिए मुखिया व जनप्रतिनिधियों को मजबूर कीजिए. शहर में वार्ड पार्षद और अन्य जन प्रतिनिधियों से कहिए आगे वोट लेना है, तो वार्ड व पंचायत में प्रस्ताव पारित कर डीएम को कागज दें. ऐसे काला कानून को हटाने और युवाओं को रोजगार, भ्रष्टाचार मिटाने के लिए हम लड़ते रहेंगे. सरकार एनपीआर नहीं कराने का गजट प्रकाशित कराए. हम संकल्प लें कि धर्म के नाम पर नहीं बटेंगे.
कन्हैया ने कहा कि सीएए नागरिकता देने के नाम पर नागरिकता छिनने की साजिश है. पीएम नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि खुद को दादा समझने वाले शाहीनबाग की दादियों से डर गए. गांधी पर ये लोग फूल चढ़ाते हैं और गोडसे का नारा लगाते. चालाकी से एलआईसी बेचा और अब बैंक बेचने की तैयारी है. किसानों का कर्जा एनरपीए और कॉरपोरेट घरानों का 1.76 लाख करोड़ कर्ज एनपीए नहीं है.
राजद का नाम लिए बिना कन्हैया कहा कि चुनावी गुना गणित से राजनीतिक दल बाहर निकलें. न पार्टी, न नेता और बिना किसी झंडा के लोगों के मूल मुद्दा का आंदोलन जारी रहेगा. आपको बताते चले कि रैली में राजद छोड़ सभी विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए.