पटना: लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर निर्वाचन आयोग ने पूरी तरह से कमर कस ली है. आयोग ने सभी जिलों के डीएम, जिला निर्वाचन पदाधिकारी, उप निर्वाचन पदाधिकारी, ईवीएम और वीवीपैट निर्माता कंपनी बेल और ईसीआईएल के इंजीनियरों के साथ बैठक की जिसमें चुनाव में आने वाली सभी समस्याओं से निपटने को लेकर चर्चा हुई. साथ ही धनबल और बाहुबल के प्रभाव को रोकने के किये भी सफल कार्ययोजना बनाने का दिशा निर्देश दिया गया और मान्यता प्राप्त राजनितिक दलों से सुझाव भी मांगे गए. इस कार्यशाला में 11 मान्यता प्राप्त राजनितिक दल के प्रतिनिधि शामिल हुए थे.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी एच आर श्रीनिवास ने बताया कि इस बार के चुनावों में एक और खास चीज जो मतदान के दौरान दिखाई देगी वह है वीवी-पैट मशीन जो हर पोलिंग स्टेशन पर मौजूद होगी. यानि अब हर मतदाता मतदान देने के बाद यह देख सकता है की उसने किस पार्टी और किस उम्मीदवार को वोट किया है, इसके लिए आयोग ने वीवी-पैट भी उपलब्ध कराया और उसकी इस्तेमाल के बारे में भी चर्चा की.

आयोग ने जानकारी दी कि 1 जनवरी, 2019 को 18 साल की आयु पूरी करने वाले सभी लोगों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल किया जाएगा. सभी नए वोटरों को रंगीन EPIC (electoral photo ID card) दिया जाएगा. निर्वाचन आयोग के मुताबिक़ बिहार में कुल वोटरों की संख्या 6,97,38,208 है जिसमें 3,69,58,241 पुरुष, 3,27,77,668 महिलाएं और 2299 थर्ड जेंडर हैं. 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार प्रति हजार पुरुषों पर 918 महिलाओं के मुकाबले मतदाता सूची में 887 महिलाएं हैं जिसे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि तीन साल के अंतराल पर हुए बूथों के पुनर्निर्धारण के दौरान मतदान केंद्रों की संख्या 10 हजार बढ़ गई है. अभी तक 62,780 मतदान केंद्र थे जो बढ़कर 78,723 हो गए हैं. इस बार 1400 मतदाताओं पर एक बूथ की व्यवस्था की जाएगी, पहले एक बूथ पर 1600 मतदाताओं के मतदान की सुविधा थी.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया की लोकसभा में आईटी का प्रमुखता से प्रयोग किया जाएगा. साइबर सुरक्षा के लिए निर्वाचक सूची प्रबंधन की प्रणाली इंटरनेट विकसित की गयी है जिसके माध्यम से इस पर नजर रखी जाएगी.