लंदन : कोरोना वायरस पर ब्रिटेन सरकार को उसकी खुफिया एजेंसी ने कई अहम जानकरी दी है. अगर ये सुचना सही साबित होती है तो आने वाले वक़्त में चीन पर कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंद लग सकते है. ब्रिटेन की ख़ुफ़िया एजेंसी का कहना है कि इस वायरस का संक्रमण पहले चीनी लैब से जानवरों में हुआ और उसके बाद वह इंसानों में फैला जो अब घातक रूप ले चुका है.

ब्रिटेन के शीर्ष सरकारी सूत्रों का कहना है कि भले ही अब तक वैज्ञानिक सुझाव यही रहा हो कि वायरस वुहान के पशु बाजार से इंसानों में फैला, लेकिन चीनी लैब से हुई लीक के फैक्ट को दरकिनार नहीं किया जा सकता है.

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार बोरिस जॉनसन द्वारा गठित आपात कमेटी कोबरा के एक सदस्य ने कहा कि पिछली रात मिली खुफिया सूचना मिली जिसके मुताबिक इस बात को लेकर कोई दो राय नहीं है कि वायरस जानवरों से ही फैला है, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया गया है कि वायरस वुहान के लैब से लीकर होकर ही सबसे पहले इंसानों में फैला था.

कोबरा को सिक्योरिटी सर्विस ने इस संबंध में डिटेल जानकारी दी है. ‘वायरस की प्रकृति को लेकर एक विश्वसनीय वैकल्पिक विचार हैं. संभवतः यह महज संयोग नहीं है कि वुहान में लैब मौजूद हैं. इस तथ्य को छोड़ा नहीं जा सकता.’ वुहान में इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी मौजूद है. चीन में यह सबसे एडवांस लैब है. यह इंस्टिट्यूट जानवरों के बाजार से महज 10 मील दूर स्थित है.

2018 में चीनी अखबार पीपल्स डेली ने कहा था कि यह घातक इबोला वायरस जैसे माइक्रोॉगेनिजम पर प्रयोग करने में समक्ष है.

माना जाता है कि यहां भी जानवरों जैसे चमगादड़ पर प्रयोग किए गए हैं ताकि कोरोना वायरस के ट्रांसमिशन का पता चल सके.

2004 में चीनी लैब से हुई लीक के कारण ही घातक सार्स वायरस फैला था जिससे वहां एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 9 अन्य संक्रमित हो गए थे. चीनी सरकार ने तब कहा था कि यह लापरवाही के कारण ऐसा हुआ था और 5 वरिष्ठ अधिकारियों को दंडित किया गया है.