पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स की सुनेत्रा चौधरी को दिए इंटरव्यू में भाजपा पर निशाना साधा. मनमोहन सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे सैन्य अभियानों का चुनावी लाभ लेने की कोशिश कर रही है.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सेना को खुली छूट कुछ नया नहीं है. यूपीए सरकार के कार्यकाल में भी बाहरी खतरों से निपटने के लिए सेना को खुली छूट थी. उस दौरान भी कई सर्जिकल स्ट्राइक हुईं. मनमोहन सिंह ने कहा, हमने सैन्य अभियान भारत विरोधी तत्वों को जवाब देने के लिए किया न कि चुनावी लाभ लेने के लिए.
26/11 हमले पर किये सवाल के जवाब में मनमोहन सिंह ने कहा कि तथ्यों की अनुपस्थिति में हर कोई अपने हिसाब से इतिहास का आकलन करता है. मैं इससे सहमत नहीं हूं कि हम सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार नहीं थे. हालांकि विभिन्न भू-राजनीतिक परिस्थितियों के लिए अलग-अलग प्रतिक्रियाओं की आवश्यकता होती है.हमारी प्रतिक्रिया पाकिस्तान को एक आतंकी देश के रूप में अलग-थलग करने और कूटनीतिक रूप से बेनकाब करने की थी. आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दबाव बनवाने की थी. जिसमे हम सफल भी हुए. हमने मुंबई हमले के 14 दिनों के भीतर हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित कराया. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मुंबई हमलों में शामिल लश्कर के शीर्ष सदस्यों को भी आतंकवादियों के रूप में प्रतिबंध सूची में डाल दिया. इसने आज लश्कर को निष्प्रभावी बना दिया है.
मनमोहन सिंह ने बताया कि, ’26/11 हमले के बाद यूपीए सरकार ने तटीय सुरक्षा को मजबूत किया और राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी केंद्र (एनसीटीसी) का विचार रखा. लेकिन गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विचार का विरोध किया. हमने नैटग्रिड की भी कल्पना की जो एक एकीकृत इंटेलिजेंस ग्रिड है, जो भारत सरकार की मुख्य सुरक्षा एजेंसियों के डाटाबेस को जोड़ने के लिए है, जो खुफिया के व्यापक पैटर्न को आसानी से एक्सेस कर सकता है. लेकिन मोदी सरकार ने एनसीटीसी और नैटग्रिड को ठंडे बस्ते में डाल दिया है.