नई दिल्ली: ‘मन की बात’ के 53वें संस्करण जो इस पांच साल का आखरी संस्करण था. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस मन कि बात कार्यक्रम में सत्ता वापसी कि बात उन्होंने कही. उन्होंने कहा कि अब मई महीने के आखिरी सप्ताह में चुनाव के पश्चात बात होगी. मैं तब मार्च, अप्रैल और मई की भावनाओं को तब ही व्यक्त करूंगा.
मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत मोदी ने पुलवामा हमले में शहीद सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि दे कर की. उन्होंने कहा, ‘हमारे सशस्त्र बल हमेशा पराक्रम और अद्वितीय साहस का परिचय देते हैं. उन्होंने शांति की स्थापना भी की है और हमलावरों को उनकी ही भाषा में परिचय भी दिया है. सेना ने आतंकियों और उनके मददगारों के समूल नाश का संकल्प ले लिया है.
मोदी ने कहा कि शहीदों के परिजनों की भावनाओं ने देश को बल दिया है. उन्होंने कहा, ‘भागलपुर के रतन ठाकुर के पिता ने जो कहा है, वह देश को संबल देता है. ओडिशा के जगदलपुर के शहीद की पत्नी के अदम्य साहस को देश सलाह कर रहा है. विजय सोरेंग का शव जब गुमला पहुंचा तो मासूम बेटे ने कहा कि मैं भी फौज में जाऊंगा. ऐसे ही भावनाएं शहीदों के सभी घरों में देखने को मिल रही हैं. शहीदों के हर परिवार की कहानी प्रेरणा से भरी हुई. मैं लोगों से कहना चाहूंगा कि इन परिवारों की भावनाओं से समझें कि देशभक्ति और उसकी भावना क्या होती है. ये हमारे सामने देशभक्ति का जीता-जागता उदाहरण है.
मोदी ने कहा कि आजादी से इतने लंबे समय तक हमें जिस वॉर मेमोरियल का इंतजार था, वह अब खत्म होने जा रहा है. कल हम इसे देश को समर्पित करेंगे. दिल्ली के दिल यानी वो जगह जहां इंडिया गेट और अमर जवान ज्योति मौजूद है, उसके ठीक सामने इसे बनाया गया है। राष्ट्रीय सैनिक स्मारक स्वतंत्रता के बाद देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वालों के लिए स्मान का प्रतीक है. इस राष्ट्रीय स्मारक में चार सर्किल हैं. अमर चक्र, वीरता च्रक, त्याग चक्र और रक्षक चक्र। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सैनिक स्मारक की पहचान एक ऐसे स्थान के रूप में बनेगी, जहां लोग सैनिकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने आएंगे. ऐसे सैनिकों के बलिदान और शौर्य की कहानी है, जिन्होंने हमारे जिंदा रहने के लिए अपना बलिदान कर दिया. मुझे उम्मीद है कि आप वहां जरूर जाएंगे और वहां ली गई तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर करेंगे.