दिल्लीः ‘द वायर’ न्यूज़ पोर्टल ने कुछ समय पहले सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विदेश जाने वालों के नाम की जानकारी मांगी थी. केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने विदेश मंत्रालय को नाम बताने के संबंध में आदेश दिए थे. मंत्रालय ने CIC के आदेश का उल्लंघन करते हुए इसे गोपनीय बताते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस पर तंज कसते हुए कहा, ‘आरटीआई में प्रधानमंत्री को कहना चाहिए कि मैं उन्हें साथ ले जाता हूं जिन्हें अगर मैं नहीं ले गया तो पुलिस ले जाएगी.’
आरटीआई के जवाब में विदेश मंत्रालय ने सिर्फ पीएम मोदी के साथ विदेशी दौरों पर जाने वाले पत्रकारों के नामों का खुलासा किया. जबकि यह जानकारी पहले से ही सार्वजनिक है. अन्य लोगों के संबंध में जानकारी देने के बात पर विदेश मंत्रालय का कहना है ली ये बेहद संवेदनशील है. इससे देश की संप्रभुता और अखंडता के साथ-साथ भारत की सुरक्षा, वैज्ञानिक, रणनीतिक और आर्थिक हितों पर भी प्रभाव पड़ेगा, इसलिए इस संबंध में मांगी गई जानकारी नहीं दी जा सकती.
विदेश मंत्रालय ने साल 2014-15 से लेकर अक्टूबर 2018 तक पीएम नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों में खर्च हुई कुल राशि बताने संबंधी जानकारी देने से भी इनकार कर दिया. हालांकि यह जानकारी खुद विदेश राज्यमंत्री वी.के. सिंह ने बीते 19 जुलाई को राज्यसभा में सार्वजनिक की थी. उन्होंने सदन में बताया था कि 15 जून, 2014 से लेकर 10 जून, 2018 तक पीएम मोदी के विदेश दौरों में कुल 1,484 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इसका ब्योरा कुछ इस प्रकार है- 1088.42 करोड़ रुपये पीएम के हवाई जहाज के रख-रखाव में. 387.26 करोड़ रुपये चार्टर फ्लाइट खर्च और करीब 9.12 करोड़ रुपये हॉटलाइन खर्च. इस अवधि में पीएम मोदी ने 84 देशों की यात्रा की.