किन्नरों के दर्द और संघर्ष की कहानी
“हंसा- एक संयोग”
पटना: “हंसा- एक संयोग” प्रमोशन कार्यक्रम में प्रोफ़ेसर डॉक्टर राम बचन राय बिहार विधान परिषद सदस्य के कर कमलों द्वारा उद्घाटन किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में श्री आलोक राज एडीजी पुलिस सेवा बिहार सरकार बिहार राज्य की उपस्थिति में तथा विनय बिहारी विधायक बिहार विधानसभा विशिष्ट अतिथि पदम श्री सुधा वर्गीज श्री आरएन दास रिटायर्ड आईएएस अध्यक्ष सिने यात्रा रविराज पटेल एवं शांति जैन की उपस्थिति में हुआ.
ट्रांसजेंडर दोस्तों ने बहुत ही सुंदर परफारमेंस किया डिंपल जैसमिन अंजली सुमन मित्रा प्रिया मुक्ति विशेष तौर पर हमारे समुदाय के प्रमुख व्यक्ति संतोषी जी पूजा जी सपना जी एवं अन्य लोग मौजूद थे .फिल्म यूनिट की तरफ से रवीना बारिया हमारे समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रही थी तथा डायरेक्टर रंजीत वर्मा जी प्रोड्यूसर सुरेश शर्मा जी की उपस्थिति चार चांद लगा रही थी.
इनॉग्रेशन के बाद फिल्म पर चर्चा हुई किस तरीके से ट्रांसजेंडर समुदाय के मुद्दों को लेकर के फिल्म को संवेदनशील तरीके से निर्माण किया जा सकता है जिससे समुदाय के मुद्दों को ज्वलंत बनाया जा सके. रवीना बारिया जी ने स्वागत शब्दों के साथ उन्होंने समुदाय के बारे में लोगों के सोच समझ को विकसित करने के लिए जागरूकता उत्पन्न करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें उन्होंने बहुत तार्किक तरीके से बताया कि समुदाय को कैसे लोग स्वीकार नहीं करते हैं, इसके लिए जागरूकता की आवश्यकता है. जिसके लिए कई एक संसाधन मौजूद है जिसमें फिल्म भी एक है. इसलिए हनसा फिल्म के द्वारा व्यवसायिक तरीके से सामाजिक जागरूकता लाई जाएगी. जिससे कि कलाकारों को भी मुश्किलें नहीं आएगी उनकी भी रोजी-रोटी ट्रांसजेंडर को करके भी मौके मिलने से एक नए रास्ते खुलेंगे.
आलोक राज सर ने बताया कि सरकार अपने स्तरों पर काम कर रही है और मैं व्यक्तिगत स्तर पर समुदाय का बहुत सम्मान और सहयोग करता हूं और करता रहूंगा. यह ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए गर्व की बात है कि इस राज्य के वरीय पुलिस पदाधिकारी हृदय से इतनी जगह रखते हैं कि समुदाय आगे बढ़े और उसके सहयोग के लिए खड़े हो.
फिल्म प्रोड्युसर ने फिल्म पर चर्चा की उन्होंने बताया कि फिल्म कैसे बनी है और इसको विस्तार से चर्चा के लिए अगले सेशन में बात करने की बात कही.
आरएन दास ने बताया की दरमियां किन्नर बहुत ऐसी फिल्में बनी परंतु बिहार राज्य या किसी अन्य राज्य में छोटे छोटे अक्षरों पर इतना काम नहीं हो पाया जिसे करने की आवश्यकता है फिल्मों से जागरूकता वृहद स्तर पर आती है.
रवि राज पटेल ने कहा कि हमें भी मौका मिलेगा तो हम ट्रांसजेंडर समुदाय के मुद्दों पर फिल्में बनाने से पीछे नहीं हटेंगे एक भी युवा होते हुए एक युवा सोच के साथ आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे कि हर एक समुदाय के व्यक्ति समान हो इसके लिए समानुपाती कार्य करेंगे.
पदम श्री सुश्री सुधा वर्गीज ने मुशहर समुदाय पर जिस तरीके से उन्होंने काम किया उसी तरीके से उन्होंने कहा कि किन्नर समुदाय के लिए भी एक समान रुप से समाज दोनों को स्वीकार क्यों नहीं करता और जरूरतें उन्हीं से रहती हैं. सभी के लिए काम करने की आवश्यकता है क्योंकि दोनों समुदायों के रहन-सहन और मुश्किलें एक समान है.
शांति जैन मैडम ने अपने संघर्षों के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने सभी के लिए शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से आज की शिक्षा बलात्कारियों को पैदा कर रही है कि जीवित्पुत्रिका व्रत की हुई महिला के साथ बलात्कार हो रहा है तो कहीं ना कहीं शिक्षा की आवश्यकता है और जागरूकता की आवश्यकता है.
इसके बाद विनय बिहारी ने अपनी बातें रखें कि 17 वर्ष पहले से उनकी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से अच्छी जान पहचान है. कितनी बार उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दों पर काम करें परंतु कोई भी निर्माता-निर्देशक तैयार नहीं हुआ वह इसके लिए हनसा के निर्माता-निर्देशक को बार-बार साधुवाद दिया. उन्होंने कहा कि आपके दिल और तजुर्बे को ह्रदय से सलाम तथा उन्होंने घोषणा की कि इस फिल्म को टैेक्स फ्री कराने का प्रयास करेंगे. उन्होंने आगे बढ़ते हुए कहा कि सरकार किस तरीके से अनुसूचित जाति जनजाति के लिए आवासन और शिक्षा पर काम करने पर जोर देती है उसी तरीके से किन्नर समुदाय के लिए भी कार्य करने की आवश्यकता है.
प्रोफेसर डॉक्टर रामबचन रायसर ने संबोधन में बताया कि मनुस्मृति में तृतीय लिंगी समुदाय के बारे में 1 शब्द चर्चा नहीं हुई लेकिन समान समय की कई 1 अन्य रचनाओं में जैसे की पाणिनी ने की रचनाओं में महिला पुरुष ट्रांसजेंडर के बारे में चर्चा की गई है. इस तरीके से वह भी सोचते थे महिला पुरुष ट्रांसजेंडर सभी एक समान है परंतु लोग समान भाव से देखते क्यों नहीं?
इसके बाद कलात्मक प्रस्तुतियां ट्रांसजेंडर समुदाय के कलाकारों द्वारा हुए जिसमें डिंपल जैस्मीन सुमन मित्रा अंजली प्रिया मुक्ति ने प्रस्तुतियां दी.