नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को समलैंगिकों के संबंध में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दो व्यस्कों के बीच सहमति से बनाये जाने वाले समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने वाली धारा 377 से बाहर कर दिया है। इसके अनुसार भारत में अब समलैंगिकता अब अपराध नहीं माना जायेगा। सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को व्यक्तिगत सम्मान के बाहर बताते हुए इसे मनमाना करार दिया है।
इस संबंध में नवतेज सिंह जौहर, सुनील मेहरा, अमन नाथ, रितु डालमिया और आयशा कपूर ने याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई के बाद इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज वही फैसला आया है। भारतीय समलैंगिकों को इस फैसले के बाद कानूनी प्रक्रिया से राहत मिलेगी।