अनुज अवस्थी, नई दिल्ली: 21वें राष्ट्रमंड़ल खेल में रजत पद अपने नाम कर चुकी बबिता फोगाट ने कहा कि उन्होंने गोल्ड नहीं जीत पाया इस बात को दुख नहीं है दुख इस बात का है कि जब वो कुश्ती लड़ रही थी तब उनके पिता महावीर फोगाट स्टेडियम में मौजूद नहीं थे। दरअसल, बबिता के पिता महावीर फोगाट को स्टेडियम में एंट्री करने से रोक दिया गया था, क्योंकि उनके पास टिकिट नहीं था।
आपको बता दें कि गोल्ड कोस्ट में हर खिलाड़ी को अपने परिवार के लिए कम से कम 2 टिकट दिए गए हैं। लेकिन बबिता को एक भी टिकट नहीं मिल पाया। इस बात की जब उन्होंने शिकायत की तो उनसे कहा गया कि पहलवानों के सारे टिकट उनके कोच राजीव तोमर को दिए जा चुके हैं। जब बबिता ने टिकट के बारे में कोच राजीव से बात की तो उन्होंने कहा कि टिकट खत्म हो चुके हैं। जिसके बाद काफी निराश हुई।
जैसे दंगल फिल्म में महिला पहलवान के पिता अपनी बेटी को फाइनल में कुश्ती करते नहीं देख पाए थे उसी तरह यहां पर भी बबिता के पिता महावीर फोगाट भी अपनी बेटी को फाइनल रांउड में लड़ता नहीं देख पाए। हालांकि काफी इंतजार के बाद पिता महावीर फोगाट को टिकट मुहाईया करया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। बबिता फाइनल रांउड खेल चुकी थी। अपनी बेटी को खेलता न देख पाने की वजह से महावीर फोगाट काफी निराश दिखाई दे रहे थे।
बहराल, बबिता फोगाट ने रजत पद पर कब्जा करके दुनिया भर में ये साबित कर दिया है कि भारत की बेटियां किसी से कम नहीं हैं। बबिता ने मेडल जीत कर भारत का नाम रोशन किया है इस बात से गुरेज नहीं किया जा सकता।