अनुज अवस्थी, (जोधपुर): कहा जाता है कुछ वक्त के लिए कानून से भागा जा सकता है, लेकिन बचा नहीं जा सकता है। ये कहावत आज सही साबित होती तब दिखाईदी जब आज जोधपुर कोर्ट ने काले हिरन शिकार मामले में बाॅलीवुड दबंग को 5 साल की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माना भरने का ऐलान कर दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद कोर्ट के फैसले पर कई लोगो ने सवाल भी उठाए क्योंकि सलमान खान के अलावा इस मामले में बाकी आरोपियों सैफअली खान, तब्बू, नीलम, और सोनाली बिंद्रे को बरी कर दिया।
बहराल, जोधपुर कोर्ट के फैसले के बाद सलमान खान को जोधपुर स्थित जेल में ले जाया गया। मीडिया रिपाॅर्टस के मुताबिक सलमान को उसी सेल में रखा गया है जहां पर बलात्कार की सजा भुगत रहे आशाराम को रखा गया है।
क्या है काले हिरन शिकार का मामला:
दरअसल, 90 के दशक 1999 में हम साथ साथ मूवी की शूटिंग के दौरान सलमान खान और उनके साथी अभिनेता सैफअली खान, और मशहूर अदाकार तब्बू, नीलम, और सोनाली बिंद्रे पर काले हिरन का शिकार करने के आरोप लगे थे। जसके बाद विशनोई समुदाय ने इन सभी कलाकारों के उपर केस दर्ज करवाया था। तब से इस मामले की सुनवाई चल रही है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भी सलमान खान को इसी मामले में सलाखों के पीछे जाना पड़ा है।
कौन हैं विशनोई समाज के लोग:
बिश्नोई भारत का एक सम्प्रदाय है जो जिसके अनुयायी राजस्थान आदि प्रदेशों में पाये जाते हैं। आपको बता दें कि सदगुरु जम्भेश्वर जी पंवार को बिश्नोई पंथ का संस्थापक माना जाता है। कहा जाता है कि बिश्नोई समाज के लोगों का जानवरों के साथ बेहद ही खास लगाव होता है। जानकारों का मानना है कि बिश्नोई समाज की औरते हिरनों को अपने स्तन का दूध तक पिलाती हैं। यानि कि इस समाज की औरतें जानवरों को अपनी संतान के नजरिए से देखती हैं। वाकई जानवरों के साथ इस तरह का बर्ताव बेहद ही प्रशंसनीय है।