पटना : प्रशांत किशोर ने जनता दल यूनाइटेड से बाहर किये जाने के बाद आज पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. प्रेस कांफ्रेंस में प्रशांत ने नीतीश कुमार की विचारधारा पर ही सवाल उठा दिया और साथ ही साथ विकाश पुरुष के विकाश को तथाकथित विकास का नाम दे दिया. प्रशांत ने कहा कि वर्ष 2004 के बाद से भाजपा के साथ पहले से जिस तरह से जदयू खड़ा रहा है और आज जिस तरह से हैं, उसमें जमीन आसमान का फर्क है.

एक समय जिसे बिहार आने से नीतीश कुमार ने रोका आज वो उन्हीं के साथ खड़े हैं. नीतीश कुमार हमसे कहते थे कि राजनीति में थोड़ा बहुत समझौता करना पड़ता है. बिहार के विकास के लिए समझौता करना पड़े तो कर सकते हैं. पर, मूल बात बिहार के विकास का है, तो यह देखना होगा कि क्या बिहार का विकास हो रहा है ? इस समझौता के बाद भी बिहार में क्या इतनी तरक्की हो गई जितनी बिहार के लोगों की अपेक्षा और आकांक्षा है. क्या विशेष राज्य का दर्जा मिला? पटना विवि को केंद्रीय विवि बनाने के लिए आग्रह मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़कर किया था पर, केंद्र सरकार ने इस पर कोई जवाब तक नहीं दिया.

आखिर किस कीमत पर गठबंधन. सिर्फ दो सीट ज्यादा लेने के लिए या मुख्यमंत्री बने रहने के लिए. प्रशांत ने कहा कि मेरा मानना है कि बिहार के लिए नीतीश कुमार खड़े होंगे तो किसी के गठबंधन की जरूरत उन्हें नहीं होगी.

पत्रकारों के सवाल पर प्रशांत ने कहा कि पता नहीं नीतीश कुमार गलत बयानी क्यों कर रहे हैं कि भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह के कहने पर उन्होंने मुझे जदयू में शामिल किया था. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के लोग जाति से अलग हटकर विकास के नाम पर वोट करते हैं. 2014 में नरेंद्र मोदी को बिहार में विकास पर हो वोट मिला था.