दिल्ली. दशकों के इंतजार के बाद आज यानी 9 नवंबर 2019 को देश की सर्वोच्च अदालत अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवादित जमीन के मामले में सुप्रीम फैसला सुना दिया है. विवादित  2.77 एकड़ जमीन पर राम मंदिर का निर्माण होगा. कोर्ट ने मंदिर बनाने के लिए सरकार को 3 महीने में ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है. वहीं कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को विवादित जमीन से अलग 5 एकड़ जमीन दी है. निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड के दावे को चीफ जस्टिस ने खारिज कर दिया है. 

 सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की पीठ ने यह ऐतिहासि फैसला सुनाया जिसमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस बोबडे, जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस भूषण शामिल हैं. इससे पहले सितंबर 2010 में हाई कोर्ट ने इस विवाद पर फैसला सुनाते हुए जमीन को तीनों पक्षों के हिस्से में बांट दिया था लेकिन कोई भी पक्षकार निर्णय से संतुष्ट नहीं थे जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में यह मामला पहुंचा था.

मध्ययस्ता का रास्ता विफल हो जाने के बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पिछले कुछ समय से इस मामले की लगातार सुनवाई कर रहे थे. वे 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं, इसी वजह से जल्द फैसला सुनाने की पूरी तैयारी में थे. अयोध्या मामले में फैसले को लेकर पूरे देशभर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. जम्मू कश्मीर और उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है. काफी जगह सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए. खास बात है कि यूपी में इंतजाम को लेकर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने डीजीपी पुलिस से मुलाकात कर जायजा लिया. दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ समेत देश के सभी बड़े नेताओं ने फैसले को लेकर लोगों से शांति और सौहार्द बनाने की अपील की है.