नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने सवर्ण कार्ड खेल दिया. मोदी कैबिनेट ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण जातियों को 10 फीसदी आरक्षण देने जा रही है. यह आरक्षण नौकरियों और शिक्षा में मिलेगा. मोदी सरकार ने आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने का फैसला किया है. इसे लागू करने के लिए सरकार को संविधान में संसोधन कर कोटा बढ़ाना होगा.
शीतकालीन सत्र मंगलवार को खत्म हो रहा है. ऐसे में सरकार अध्यादेश के जरिए इसे लागू करेगी. जिसके बाद आगामी बजट सत्र में इसे पास कराना होगा. सरकार को इसे दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत पास करना होगा.
आपको बताते चले कि संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का कोई प्रावधान है ही नहीं. आरक्षण शैक्षणिक और सामाजिक रूप से ही दिया जा सकता है. ऐसे में ये मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने की पूरी उम्मीद है, जहां इसे क़ानूनी आधार पर निरस्त किया जा सकता है.