पटना: बालिका गृह कांड मामले में सीबीआई ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर सहित 21 के खिलाफ विशेष पॉक्सो कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. चार्जशीट में सभी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. लड़कियों को गंदे भोजपुरी गानों पर डांस कराया जाता था. उन्हें नशे के इंजेक्शन और दवा देकर सुला दिया जाता था. इसके बाद उनके साथ गलत काम किया जाता था. सीबीआई के एसपी देवेंद्र सिंह की ओर से पिछले 19 दिसंबर को विशेष पॉक्सो कोर्ट में सभी 21 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी. सभी को भादवि की धारा 323, 325, 341, 354, 376 सी व 34 एवं पॉक्सो एक्ट 2012 की धारा 04, 06,08, 10, 12 व 17 के तहत आरोपित किया गया है. आरोपों के समर्थन के लिए सीबीआई ने 102 गवाहों के साक्ष्य लिए हैं. इसमें बालिका गृह की पीड़ित 33 लड़कियां शामिल हैं.
ब्रजेश ठाकुर, इंदू कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी, रवि कुमार रोशन, विकास कुमार, दिलीप कुमार वर्मा, विजय कुमार तिवारी, गुड्डू कुमार पटेल उर्फ गुड्डू, कृष्ण कुमार राम उर्फ कृष्णा, रोजी रानी, रामानुज ठाकुर उर्फ मामू, रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर साहब उर्फ मास्टर जी, डॉ. अश्विनी उर्फ आसमनी, विक्की , साइस्ता परवीन उर्फ मधु व डॉ.प्रमीला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है.
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किस पर क्या आरोप?
ब्रजेश ठाकुर: ब्रजेश ठाकुर बालिका गृह का वास्तविक मालिक था. वही बालिका गृह का संचालन करता था. एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति का वह कार्यपालक निदेशक पद पर था. इसी एनजीओ के माध्यम से बालिका गृह का संचालन होता था. उस पर बालिका गृह की लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है. इसमें उसके साथ रवि रोशन व मामू सहित बालिका गृह की अन्य कर्मचारी सहयोगी थे. वह अन्य आरोपियों के साथ मिलकर लड़कियों को गंदे भोजपुरी गानों पर डांस करने को मजबूर करता था. वह लड़कियों को दूसरे के पास भेजता था. विरोध करने वाली लड़कियों की पिटाई भी करता था.
रवि कुमार रोशन: यह बाल संरक्षण पदाधिकारी (सीपीओ) था. ब्रजेश के साथ-साथ उस पर भी अधिकतर लड़कियों ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है. वह छोटे कपड़े में अश्लील गानों पर डांस करने के लिए लड़कियों को मजबूर करता था.ब
विकास कुमार: यह बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) का सदस्य था. उस पर भी लड़कियों ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है. वह अन्य आरोपितों के साथ मिलकर लड़कियों को स्लीपिंग पिल्स देता था.
दिलीप कुमार वर्मा: यह बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) का अध्यक्ष था. लड़कियों ने उसकी पहचान फोटो से की. उसने उसे सबसे गंदा आदमी बताया. वह लड़कियों के साथ दुष्कर्म करता था.
रोजी रानी: यह बाल संरक्षण इकाई की सहायक निदेशक थी. लड़कियों ने उसे सारी घटनाओं की जानकारी दी, लेकिन उसने कोई एक्शन नहीं लिया. उस पर आरोपियों का सहयोग करने का आरोप लगाया गया है.म
साइस्ता परवीन उर्फ मधु: यह ब्रजेश ठाकुर की खास थी. एनजीओ सेवा संकल्प और विकास समिति के प्रबंधन से जुड़ी थी. वह लड़कियों को सेक्स की शिक्षा देती थी. वह गंदे गाने पर डांस करने को मजबूर करती थी. इससे मना करने वाली लड़कियों को सजा के तौर पर नमक रोटी खाने को दिया जाता था.
डॉ. प्रमीला: यह बालिका गृह की लड़कियों की स्वास्थ्य जांच करती थी. लड़कियों ने उसे बताया कि ब्रजेश, रवि रोशन, विजय व विकास ने उसके साथ दुष्कर्म किया है. इस पर उसने बस इतना कहा कि कोई बात नहीं तुम लोगों को दवा दे दूंगी. उसने पीडि़ता की कोई मदद नहीं की.
रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर साहेब उर्फ मास्टर जी: यह ब्रजेश के पारिवारिक प्रेस का मैनेजर था. लड़कियों ने उसे गंदा आदमी बताया है. वह लड़कियों को गंदी नजर से देखता था. वह लड़कियों के साथ दुष्कर्म व पिटाई करता था. म
डॉ. अश्वनी उर्फ आसमनी: बालिका गृह की लड़कियां इस डॉक्टर से काफी भयभीत रहती थीं. वह लड़कियों को बेहोश करता थ. वह लड़कियों की बिना कपड़े के जांच करता था.
विजय कुमार तिवारी, गुड्डू व कृष्णा राम: सभी ब्रजेश ठाकुर का नौकर था. सभी पर लड़कियों से दुष्कर्म करने व पिटाई करने का आरोप लगाया गया है.
इंदू कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी: सभी बालिका गृह की कर्मचारी थीं. इन सभी पर लड़कियों को नशा की दवा देने, मारपीट करने का आरोप है. बालिका गृह की लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने वाले ब्रजेश, विकास, दिलीप, रवि रोशन व अन्य का सहयोग करने का भी आरोप है. एक महिला कर्मचारी पर लड़कियों से साथ आपत्तिजनक स्थिति में सोने का भी आरोप है. अन्य महिला कर्मचारियों के साथ मिलकर लड़कियों की पिटाई करती थी.
साभार- ndtv