बर्ड फ्लू एक तरह का Avian Influenza वायरस है. जिसे H5N1 भी कहते है. यह पक्षियों से पक्षियों में फैलता है. यह पशु-पक्षियों में ज्यादा होता है.पशु-पक्षियों के सम्पर्क में रहने से ये इन्सानों में भी हो जाता है.
पक्षियों में बर्ड फ्लू के लक्षण
आँख, गर्दन, सिर के आसपास सूजन, आँखों में रिसाव, कलनी-टांगो में नीलापन, पंखो का गिरना, अचानक सुस्त हो जाना, अंडे कम देना.
इंसानों में बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू के लक्षण लोगो में अलग अलग हो सकते है. शुरुआती दौर में ये आम फ्लू के लक्षणों जैसे ही प्रतीत होते हैं. जैसे कि आँख का लाल होना, आँख से पानी निकलना, साँस लेने में परेशानी, नाक से पानी निकलना, उल्टी होना, भूख का न लगना, तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, निमोनिया और अन्य समस्याएं बर्ड फ्लू के लक्षण है. इस बीमारी का पता लगाने के लिए बलगम की जाँच कराई जाती है. इससे पता चल जाता है की व्यक्ति H5N1 वायरस से संक्रमित है या नहीं.
बर्ड फ्लू से कैसे बचें
-इस बीमारी से बचाव के लिए जरुरी है, आप गर्म पानी और साबुन के साथ नियमित रूप से हाथ धोएं. खाँसी और छींकने वाले लोगों से दूर रहें. अगर आप पोल्ट्री या पालतू पक्षियों के साथ काम कर रहे हैं, तो अतिरिक्त सावधान रहना.
-जब इस प्रकार की बीमारी के संक्रमण की बात सामने आए तो कोशिश करें मांस कम से कम खाएं, क्यों कि यह बीमारी खासकर मुर्गे, मुर्गियां, बत्तख आदि से फैलते हैं. हालांकि, यदि मांस को ठीक तरीके से पकाया गया है तो मांस खाया जा सकता है. 70 डिग्री तापमान पर पका खाना खाने से कोई नुकसान नहीं. इस तापमान पर बर्ड फ्लू का वायरस नष्ट हो जाता है.
एक खास बात यह भी है कि बर्ड फ्लू से बचाव के लिए अभी तक किसी वैक्सीन की खोज नहीं हुई है, ऐसे में कोशिश करें कि मरे हुए पक्षियों ये दूरी बनाए रखें.
जानें क्या है बर्ड फ्लू और उसके लक्षण
