विपक्ष ने कहा सब साथ मिलकर बीजेपी को हरायेंगे
नई दिल्ली : भारत बंद कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियों के द्वारा पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों एव्ां रुपये के गिरते भावों के मुद्दे पर किया गया। हालांकि यह बंद कांग्रेस पार्टी ने बुलाया था, मगर विपक्ष की तमाम पार्टियों ने इसे अपना समर्थन दे दिया। इसलिए इस भारत बंद का असर देश के कई राज्यों में देखा गया। भारत बंद में विपक्ष की ओर से दो पार्टियों त्रणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बंद में कांग्रेस का साथ नहीं दिया। लेकिन उनके समर्थकों द्वारा बंद के दौरान प्रदर्शन कर विपक्ष को अपना समर्थन दिया। कोलकता में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने आज प्रदर्शन किया और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने राहुल गांधी के साथ मंच साझा किया।
विपक्ष ने मिलकर सरकार पर हमला बोला
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती मंहगाई के खिलाफ इस बंद में विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार को सत्ता से हटाने की योजना बनाई। राहुल गांधी ने आज रामलीला मैदान से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला। उन्होंने किसान से नोटबंदी, राफेल, स्वच्छता और युवाओं की बेरोजगारी पर सरकार की खिंचाई की। साथ ही भूतपूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने कहा कि अब सत्ता बदलने का वक्त आ गया है।
देश की बड़ी पार्टियां कांग्रेस के साथ आई
भारत बंद के दौरान कांग्रेस के साथ राजद, सीपीआई, सीपीएम, जदएस, जेवीएम, जेएमएम, लोजद, डीएमके, आरएलडी, जैसी पार्टियों ने प्रदर्शन किया। टीएमसी और आम आदमी पार्टी ने भारत बंद में बढ़ती मंहगाई के खिलाफ केवल कांग्रेस का साथ दिया और प्रदर्शन किया। सरकार की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के खिलाफ पोस्टर लगाकर अपना विरोध दर्ज किया।
बिहार बंद से ज्यादा रहा प्रभावित
भारत बंद का असर उत्तर भारत के राज्यों में अधिक देखने को मिला। बिहार इस बंद से ज्यादा प्रभावित रहा। राजधानी पटना में विरोध प्रदर्शन, दुकानें, स्कूल सभी बंद रहे। उसके अलावा अन्य जिले भी बंद की चपेट में आए। अन्य जिलों में सबसे अधिक जहानाबाद, आरा में राजद, कांग्रेस, सीपीआई और जाप पार्टी ने प्रदर्शन किया। पप्पू यादव की जाप पार्टी के समर्थकों ने इस बंद में हिंसा पैदा करने की कोशिश की, उन्होंने बसों के शीशे तोड़े, सड़क जाम किया, आम लोगों के साथ हाथापाई भी की। इस बंद में जहानाबाद में तो एक बच्ची की ईलाज को ले जाने के दौरान मौत भी हो गई।
राजमार्ग, रेलमार्ग, विद्यालय पर पड़ा असर
बंद के दौरान प्राइवेट स्कूलों ने स्वेच्छा से स्कूलों को पहले ही बंद कर दिये थे। उसके बाद यातायात बाधित किया गया, राजमार्ग पर लंबा जाम देखने को मिला। शहर की दुकानें भी नहीं खोली गई और खुले दुकानों को बंद कराया गया। मुजफ्फरपुर-दरभंगा राजमार्ग को सुबह तीन बजे से ही राजद समर्थकों द्वारा जाम कर दिया गया था। रेलमार्ग को भी बंद का असर झेलना पड़ा। बिहार के जहानाबाद और आरा में सड़क जाम के साथ, ट्रेनें भी रोकी गई।
अन्य राज्यों से बंद की सामान्य खबर
देश के अन्य राज्यों में मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश में बंद की स्थिति सामान्य रही। हालांकि विरोध प्रदर्शन होते रहे मगर कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। झारखंड में भी कानून व्यवस्था सुचारू बनाये रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने चप्पे-चप्पे पर पुलिस की व्यवस्था की थी। फिर भी कुछ स्थानों पर स्कूल, कॉलेज एवं दुकानें बंद करवाये गये। राजस्थान में कई जगहों से बंद के दौरान राजमार्ग प्रभावित किया गया। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बंद में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया, टॉयर जलाये गए, नारे लगाये गए। कर्नाटक में तो काग्रेस की सरकार होने की वजह से एक दिन पूर्व ही स्कूल, कॉलेज, ऑफिस बंद कर दिये गये थे। कांग्रेस ने जडएस के साथ मिलकर मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।