महाशिवरात्रि-2018
13 फरवरी को शिवरात्रि जागरण है और अगले दिन शिवरात्रि व्रत, अभिषेक पूजन इत्यादि ।
माघ मास की कृष्ण चतुर्दशी को ‘शिवरात्रि’ कहा जाता है। ईसान-संहिता के अनुसार इस दिन आदिदेव महादेव कोटि सूर्य के समान दीप्ति संपन्न हो शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे।
हमारे पुराणों, वेदों से लेकर मध्यकालीन निबंधों में शिवरात्रि-व्रत का उल्लेख बखूबी हुआ है पर इस व्रत का पालन करने के लिए कुछ नियम हैं – यथा अहिंसा, सत्य, ब्रह्मचर्य, दया, क्षमा का पालन। शांतमन, तपस्वी तथा क्रोधहीन होना भी बहुत आवश्यक है। शिवरात्रि-पर्व कीऐसी महिमा है कि संप्रदाय-भेद-भाव को त्यागकर सभी मनुष्य इसका एक समान पालन करते हैं।
शिवरात्रि पर करें ये महाउपाय-
निम्न उपायों को 13 फरवरी की रात को किया जायेगा।
शिव चालीसा-
अगर शिवरात्रि को शिव चालीसा का 108 बार पाठ किया जाए जाए तो यह शिव चालीसा आपको हमेशा के लिए सिद्ध हो जाएगा फिर कभी भी आपको कोई भी समस्या आती है तो केवल एक बार इस शिव चालीसा का पाठ कर लेने से उस समस्या का समाधान हो जाता है।
महामृत्युंजय मन्त्र का जप- अगर 11 सौ बार शिवरात्रि को महामृत्युंजय मंत्र का आप जाप करते हैं तो यह मंत्र आपको सिद्ध हो जाएगा और आप कभी भी 108 बार इसका जाप करके जो कार्य चाहते हैं वह शिव जी की कृपा से निसंदेह सफल होगा।
शिवताण्डव स्तोत्र –
अगर शिवरात्रि को रात के 12 बजे शिव तांडव स्तोत्र का 108 बार पाठ होता है तो इससे शिवजी आप पर बहुत प्रसन्न होंगे और आपको मनचाहा वरदान देंगे एवं आपको शिव तांडव स्तोत्र हमेशा के लिए सिद्ध हो जाएगा आप जब चाहे इसे अच्छे कार्य हेतु उपयोग में ला सकते हैं किसी भी व्यक्ति की समस्या को मिनटों में सुलझा सकते हैं।
शिवरात्रि दान-
दान पूजन अभिषेक इत्यादि कार्य 14 फरवरी को करना है।
108 पंचमुखी रुद्राक्ष शिव भक्तों को दान करें और उनसे कहे इसे गले में अवश्य धारण करें ऐसा करने से आपके शिवजी सारे मनोरथ पूर्ण करेंगे।
11 हजार जप – ॐ नमः शिवाय। यह मंत्र शिव पंचाक्षर मंत्र है इसका जाप करने से आपके सभी मनोरथ सफल होंगे शिवजी आप पर कृपा करेंगे।
विशेष- 14 फरवरी को किसी ब्राह्मण के द्वारा रुद्राष्टाध्यायी से शिवजी का अभिषेक करवाएं एवं तीर्थ में जाकर शिव भक्तों को भोजन कराएं।