हर महीने स्त्रियों के रजस्वला (पिरीएड) दोष लगने का क्या कारण है, श्रीमद्भागवत पुराण में बताते हैं कि इंद्र ने अपने गुरु की हत्या कर दी थी उस हत्या के कारण इंद्र को ब्रह्महत्या का दोष लगा तब इंद्र ने उस ब्रह्म हत्या के दोष को चार स्थानों में बांट दिया वह चार वस्तु आज भी इस दोष को भोगती आ रही हैं।
स्त्री-भूमि-वृक्ष-जल..।
इन चारों को ब्रह्म हत्या का दोष बांट दिया गया ।

इंद्र को क्यों करना पड़ा अपने गुरु का वध-

एक बार इंद्र अपनी सभा मैं बैठा अप्सराओं का नृत्य देख रहा था नृत्य देखने में सभी देवता गण व इंद्र स्वयं इतना मगन था कि देवताओं के गुरु बृहस्पति जब सभा में आए तो उनका आदर भी इंद्र ने नहीं किया क्योंकि इंद्र को लगा अगर हम इनके आदर में खड़े होते हैं तो नृत्य रुक जायेगा और नृत्य का सुख हम नहीं ले सकेंगे इसलिए उन्होंने अपने गुरु को देखकर भी अनदेखा कर दिया तब गुरु बृहस्पति क्रोधित होकर देवताओं का त्याग करके चले गए जब देवताओं को पता चला तब वह बड़ी चिंता में पड़ गए कि अब हमारा मार्गदर्शन कौन करेगा और राक्षसों को अगर पता चल गया कि गुरु बृहस्पति हमसे नाराज हो कर चले गए हैं तो वह हम पर हमला कर सकते इसलिए इंद्र ने विश्वरूप को गुरु बना लिया विश्वरूप के तीन मुख थे और वह बहुत विद्वान थे लेकिन जब यज्ञ में आहुति डालते थे तो दो आहुति देवताओं के नाम और दो राक्षसों के नाम डालते थे इसके बारे में जब इंद्र को पता लगा तो क्रोधित होकर इंद्र ने वज्र से विश्वरूप की हत्या कर दी इस कारण उन्हें ब्रह्म हत्या का दोषी होना पड़ा और फिर उस ब्रह्म हत्या के दोष को चार स्थानों में बांट दिया गया जो आज स्त्री के रजस्वला दोष के रूप में है, और भूमि में बंजर भूमि के रूप में है, वृक्ष में गोंद के रूप में है, जल में काई के रूप मे है।