भोपाल. मध्य प्रदेश में राजनीतिक उठापटक के बाद शाम छह बजे मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जो शाम 7.30 बजे खत्म हुई. विधायक दल की बैठक में केवल 94 विधायक पहुंचे. बैठक के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ और पार्टी नेताओं ने दावा किया कि निराश होने और घबराने की बात नहीं है। कांग्रेस विधानसभा में बहुमत साबित करेगी। कमलनाथ ने कहा कि सरकार पर संकट नहीं है। नाराज विधायकों को मानाने के लिए कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा और डॉ. गोविंद सिंह बेंगलुरु रवाना हुए. जहाँ वे 19 बागी विधायकों में से कुछ के साथ मुलाकात करेंगे ताकि वे उन्हें पार्टी में लौटने के लिए मना सकें. कांग्रेस ने कर्नाटक के बड़े नेता डीके शिवकुमार को भी विधायकों को वापस लाने की जिम्मेदारी दी है.

कमनलाथ ने बैठक के बाद कहा- हम निराश नहीं हैं, क्योंकि हमने 1977 का दौर भी देखा है. तब इंदिराजी भी चुनाव हार गई थीं. कांग्रेस पर संकट का दौर था. ऐसा लगता था कांग्रेस दोबारा वापस खड़ी नहीं हो पाएगी, लेकिन कांग्रेस और मजबूती के साथ दोबारा खड़ी हुई. हमारे विधायकों को बेंगलुरु में कैद करके रखा गया है. वे मेरे संपर्क में हैं. यदि वे स्वतंत्र होते तो उन्हें बेंगलुरु में क्यों रखा है? उन्हें भोपाल लाएं. सरकार चलेगी. चिंता की कोई बात नहीं है.

बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है. विधानसभा में कांग्रेस बहुमत साबित करेगी. लक्ष्मण सिंह ने कहा कि कांग्रेस लड़ाई लड़ने को तैयार है. हमारे पास 94 विधायक हैं. कोई भी पार्टी का मनोबल नहीं तोड़ सकता. जितने लोग पार्टी छोड़कर गए हैं, उपचुनाव में वे जीतकर नहीं आ पाएंगे.