न्यूज़ डेस्क: महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन पर फैसले को लेकर सबकी निगाहें एनसीपी और कांग्रेस की बैठक पर टिकी है. ये दोनों ही पार्टियां सोच समझ कर अपने कदम को आगे बढ़ा रही है. कोई भी फैसला जल्दबाजी में दोनों में से कोई पार्टी लेना नहीं चाह रही है. जिससे दुर्गामी ख़ामियाजा भुगतना पड़े. कई बैठकों के बाद आज कांग्रेस और एनसीपी नेताओं के बीच फिर बैठक है. ऐसा अनुमान है कि इस बैठक के बाद कोई रास्ता खुल कर सामने आये. शिवसेना भी इस बैठक को लेकर काफी उम्मीद लगाए बैठी है.
इससे पहले महाराष्ट्र में सरकार गठन की संभावना को लेकर चर्चा के लिए मंगलवार का दिन ही प्रस्तावित था लेकिन कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की यह बैठक स्थगित कर दी गई. एनसपीपी के नेता नवाब मलिक ने कहा कि कांग्रेस नेता पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती से जुड़े कार्यक्रमों में व्यस्त हैं और ऐसे में उन्होंने यह बैठक बुधवार को करने का आग्रह किया.
दोनों पार्टियों ने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने की संभावना पर बातचीत के लिए अपने वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है. कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महाराष्ट्र प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे और कुछ अन्य नेता तथा राकांपा की तरफ से प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, अजीत पवार और जयंत पाटिल है.
सोमवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और कहा कि दोनों पार्टियां अब उन छोटे दलों के साथ बातचीत करेंगी जो साथ चुनाव लड़े हैं.
आपको बताते चले कि गत 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से सरकार गठन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही और फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया. चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला था, लेकिन ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना के दावे के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए.