डेस्क : दादरा नगर हवेली में कार्यरत 2012 बैच के आईएएस अधिकारी गोपीनाथ कन्नन ने जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद उपजे हालात को लेकर भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया है। वे पावर एंड नॉन कन्वेंशनल ऑफ एनर्जी के सेक्रेट्री पद पर कार्यरत थे।

कन्नन गोपीनाथन ने नौकरी छोड़ने के बाद कहा कि घाटी के लोगों को अनुच्छेद 370 को लेकर मनाया जाना चाहिए, लेकिन उन्हें विचार प्रकट करने का मौका नही दिया गया। जो कश्मीर में “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन” है। मैंने इसके खिलाफ अपने विचार प्रकट करने के लिये नौकरी से इस्तीफे का दिया हूं।

गोपीनाथन ने आगे कहा, “मैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहता हूं लेकिन सेवा में रहते मेरे लिये ऐसा करना नामुमकिन था। इसमें कई नियम-कायदे होते हैं।”

गोपीनाथन ने कहा लोकतांत्रिक दृष्टि से अनुच्छेद 370 का निरसन “चुनी हुई सरकार का ही अधिकार है” लेकिन लोकतंत्र में लोगों को ऐसे फैसलों पर प्रतिक्रिया देने का अधिकार है।

पीटीआई-भाषा से उन्होने कहा, “कश्मीर पर फैसला लिये जाने के करीब 20 दिन बाद भी वहां लोगों को इस पर प्रतिक्रिया देने की अनुमति नहीं है और लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह स्वीकार्य नहीं है। निजी तौर पर, मैं इसे स्वीकार नहीं कर सका साथ ही ऐसे समय में अपनी सेवाएं भी जारी नहीं रख सकता था।”

उन्होंने कहा, “यह ऐसी चीज नहीं है जिसे मैं अपने देश में स्वीकार कर सकूं। मुझे पता है कि मेरी स्वीकृति से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन मैं यह जाहिर करना चाहता था कि यह सही नहीं है। हमें उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अनुमति देनी चाहिए। अगर उन्हें यह पसंद नहीं है तो हम उन्हें समझाने की कोशिश कर सकते हैं। हम उन्हें बंद करके और और विचार व्यक्त करने से रोक कर नहीं मना सकते।”