दिल्‍ली: नरेंद्र मोदी एनडीए के संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद बाद मोदी ने नए सांसदों को संबोधित करते हुए नए और पुराने सांसदों नसीहत दी कि आपलोग बड़बोले बयानों के अलावा अहंकार व वीआईप कल्चर से बचे. साथ ही नरेंद्र मोदी ने छपास और दिखास से भी बचने की सलाह दी.

अपने सम्बोधन में नरेंद्र मोदी ने दलितों और अल्पसंख्यकों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अगर अल्पसंख्यकों की बेहतरी की चिंता की गई होती तो अच्छा होता लेकिन डर का माहौल बनाकर उन्हें दूर रखा गया और चुनाव के दौरान उनका वोटबैंक के तौर पर इस्तेमाल किया गया. मोदी ने कहा, जो हमें वोट नहीं देते वो भी हमारे हैं, जो हमारे धुर विरोधी हैं, वे भी हमारे हैं. देश के 130 करोड़ लोगों में कोई भेदभाव नहीं.

नरेंद्र मोदी ने कहा, एनडीए के पास दो जरूरी चीजें हैं, पहला एनर्जी और दूसरा सिनर्जी. ये एनर्जी और सिनर्जी एक ऐसा केमिकल है, जिसको लेकर हम सशक्त और सामर्थ्यवान हुए हैं, जिसको लेकर हमें आगे चलना है. प्रचंड जनादेश जिम्मेदारियों को और बढ़ा देता है. चुनाव दूरियां पैदा कर देता है, दीवार बना देता है लेकिन 2019 के चुनाव ने दीवार तोड़ दी और दिलों को जोड़ा है, यह चुनाव सामाजिक एकता का आंदोलन बन गया है. उन्होंने कहा, जनप्रतिनिधि के लिए कोई भेद रेखा नहीं हो सकती. उसे बदला लेने का हक नहीं होता. वह सबके लिए समान होता है.