दिल्ली : जेट एयरवेज के बाद अब पवनहंस हेलिकॉप्टर कंपनी भी संकट में आ गयी है. सरकारी कंपनी होने के बाद भी इसकी माली हालत खस्ताहाल हो गई है. कंपनी के पास कर्मचारियों को सैलरी देने तक के पैसे नहीं बचे हैं.

पवनहंस ने बयान में बताया कि 2018-19 में उसे करीब 89 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. करोड़ों का कर्ज भी है. ऐसे में अप्रैल की सैलरी देने की हालत में नहीं है. कंपनी के इस फैसले का असर कर्मचारियों और उनके परिवारों पर दिखने की आशंका है.. कर्मचारियों को अपने बच्चों के स्कूल-कोचिंग की फीस और ईएमआई की चिंता सताने लगी है.

आपको बताते चले कि सरकार ने पिछले साल पवनहंस को बेचने की कोशिश की थी. पवनहंस हेलिकॉप्टर कंपनी की माली हालत खस्ता होने से कंपनी के कर्मचारियों की परेशानी बढ़ गई है. पवनहंस के कर्मचारियों का कहना है कि इसमें हमारी क्या गलती है. कंपनी की पॉलिसी गलत रहीं. अब जब कंपनी डूबने लगी है तो हमारा क्या होगा? हमें सैलरी कौन देगा? समस्या और अधिक बढ़ी तो कर्मचारी कोर्ट जाने के बारे में भी सोच रहे हैं.