क़ायम साबरी
पटना: बलात्कार की घटनाओं में फांसी की सजा के प्रावधान के बावजूद अपराधियों में इसका खौफ दिखता नजर नहीं आ रहा है. देशभर में रेप की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. जब ये घटनाये शिक्षा के मंदिर में होने लगे तो समझ जाए कि इंसान रूपी शरीर अब हैवान बन चूका है. हैवान कि सजा बस एक होती है मौत.
मैं बात कर रहा हूँ फुलवारीशरीफ के किसान कॉलोनी स्थित न्यू सेंट्रल पब्लिक स्कूल की. जहां गुरु-शिष्य के रिश्ते को तार-तार करने वाली शर्मनाक घटना सामने आयी है. स्कूल के प्राचार्य सह संचालक राज सिंघानिया उर्फ अरविंद और शिक्षक अभिषेक कुमार उर्फ अशोक ने मिलकर अपने ही स्कूल की 12 वर्षीय छात्रा के साथ नौ महीने तक दुष्कर्म किया.
कैसे हुआ मामले का खुलासा
दो दिन पहले बच्ची चक्कर खाकर घर में गिर गई और उल्टी करने लगी. उसकी मां बच्ची को लेकर अस्पताल गयी। डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि बच्ची गर्भवती है.
पूछताछ में बच्ची ने बताया कि प्राचार्य राज सिंघानिया उर्फ़ अरविंद सर कॉपी जांच करने के बहाने अपने केबिन में बुलाते थे. सहायक शिक्षक अभिषेक उसे जबरन प्राचार्य के केबिन में ले जाता था. केबिन के बगल में एक कमरा था. उस कमरे में दोनों गलत काम करते थे. सर ने गलत काम का वीडियो भी बना लिया था उसके बाद वह ब्लैकमेल कर रहे थे.
छात्रा के साथ रेप का मामला सामने आने के बाद फुलवारीशरीफ थाना ने स्कूल पहुंच कर दोनों आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया. फुलवारी शरीफ थाने के इन्स्पेक्टर मोहम्मद कैसर आलम ने बताया की, ‘न्यू सेंट्रल स्कूल में पढ़नेवाली 12 वर्षीय लड़की के साथ वहां के प्रिंसिपल राज सिंघानिया उर्फ अरविंद कुमार और सहयोगी टीचर अभिषेक द्वारा दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने की शिकायत हमें मिली. इस मामले को हमने महिला थाने में भेज दिया है, साथ ही दोनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं. स्कूल के खिलाफ भी सख्त ऐक्शन लिया जाएगा.’
आप को बताता चलु की पीड़िता के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. छोटे-मोटे काम करके बच्चों का परवरिश कर रहे हैं. बच्ची की मां भी बीमार रहती है. इस बीमारी में भी बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए बेटी को लेकर भटक रही है. क्या ऐसे घिनौने काम को अंजाम देने वालो के खिलाफ पटनावासी को आगे नहीं आना चाहिए ?