एससी/एसटी एक्ट में संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिका में की सुनवाई
नई दिल्ली : भारतीय शीर्ष अदालत ने एससी/एसटी एक्ट में संशोधन करने वाले कानून को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। न्यायमूर्ति ए.के सिकरी और न्ययामूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने इस कानून में किये गये संशोधन को निरस्त करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को जवाब तलब किया है। केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए 6 हफ्ते का वक्त दिया गया है।
आपको बताते चलें केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के 20 मार्च को एससी/एसटी एक्ट पर दिये गये फैसले को निरस्त करने के लिए मानसून सत्र में एससी/एसटी (अत्याचारों की रोकथाम) करने वाले कानून को पूर्व की स्थिति बनाने के लिए कानून में संशोधन करके लोकसभा एवं राज्यसभा से पारित करा लिया था एवं बाद में राष्ट्रपति ने भी इसकी मंजूरी दी थी।
याचिकाकर्त्ता ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने मनमाने तरीके से कानून में संशोधन करने और इसकी पहले की स्थिति बनाने के ऐसे प्रावधान किये हैं जिससे निर्दोष व्यक्ति अग्रिम जमानत के अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर सके।
शीर्ष अदालत ने इससे पूर्व 20 मार्च को एक केस पर दिये अपने फैसले में कहा था कि सरकारी कर्मचारियों के प्रति दुरुपयोग होने वाली घटनाओं के तहत दायर शिकायत पर तत्काल गिरफ्तारी नहीं होगी जिसके खिलाफ केंद्र सरकार ने कानून में संशोधन करने के लिए 9 अगस्त को संसद में विधेयक को मंजूरी दी थी।