दिल्ली: पेट्रोल, डीजल के बढ़ते दाम से उपभोक्ताओं को राहत देने के मूड में सरकार नजर नहीं आ रही है. सरकार ने उत्पाद शुल्क में कटौती की संभावनाओं को खारिज कर दिया है. सरकार ने कहा है कि राजस्व वसूली में किसी तरह की कटौती नहीं की जा सकती.
दरअसल, सरकार को लगता है कि इससे चालू खाते का घाटा लक्ष्य से ऊपर निकल सकता है ऐसे में वह पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करके राजकोषीय गणित के साथ छेड़छाड़ करना नहीं चाहती.

कुछ समय से डॉलर के मुक़ाबले पैसे के कमज़ोर होने के कारण आयत शुल्क में बढ़ोतरी हुई है. जिस कारण पेट्रोल और डीजल की कीमतें ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. भारतीय मुद्रा, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 71.54 के रेकॉर्ड निम्न स्तर तक गिर गई, जो 70 साल के निम्न स्तर पर है. पटना में पेट्रोल की कीमत 85.60 रुपये प्रति लीटर की रेकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई. वहीं डीजल का दाम 77.03 रुपये के रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है.

 

आप को बताते चले कि ईंधन के दाम में करीब आधा हिस्सा, केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा लिए जाने वाले कर का होता है. पेट्रोल, डीजल के दाम में निरंतर वृद्धि पर टिप्पणी करते हुए, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, ‘पेट्रोल, डीजल की कीमतों में निरंतर वृद्धि जरूरी नहीं है, क्योंकि ईधनों पर अत्यधिक करों की वजह से दाम ऊंचे हैं। अगर करों में कटौती की जाती है, तो कीमतें काफी कम हो जाएंगी।’