– रौनक जहाँ
इन्फार्मेशन इंडस्ट्री विश्व में तेजी से उभरता हुआ पेशेवर उद्दोग है। बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए ज्ञान से सराबोर यह उद्दोग बहुत अच्छा है। आज के दौर में सभी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के ज्ञान व अनुभव में बढ़ोतरी के लिए अपने नॉलेज सेंटर स्थापित कर रखे हैं। लाइब्रेरी के लिए अपने नॉलेज सेंटर स्थापित कर रखे हैं। लाइब्रेरी साइंस व्यावसायिक पाठयक्रम है, जिसमें व्यावहारिक, प्रेक्षण तथा प्रायोगिक अध्ययन शामिल है। तेजी से उभरते इस पेशे की मांग को देखते हुए कई संस्थानों ने अपने लाइब्रेरी साइंस कोर्स के मॉड्यूल में पेशेवर बदलाव किए हैं, जैसे सूचनाओं की प्राप्ति के लिए कम्प्यूटर तकनीक का प्रयोग। दरअसल, लाइब्रेरियन का काम काज किताबों को व्यवस्थित करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक हाईटेक काम में तब्दील हो गया है। लाइब्रेरी के रखरखाव की जिम्मेदारी होती है लाइब्रेरियन की। आज लाइब्रेरी की किताबें बुक शेल्फ से निकल कर कम्प्यूटर के माध्यम से डिजिटल हो गई है और इंटरनेट और मोबाइल ने इसे और भी आसान बना दिया है। अब लाइब्रेरियन का काम केवल किताबों को इधर से उधर रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हाईटेक काम में तब्दील हो चुका है। लाइब्रेरियन का काम पढ़ने योग्य सामग्री को संगठित करना, उसे डिजिटल लुक देना, सामग्री को प्रभावी ढंग से प्रयोग करने में सहायता करना और पाठक को सही समय पर सही सूचना प्रदान करना है। लाइब्रेरी अब केवल किताओं को रखने और पढ़ने की जगह भर नहीं रह गई है, बल्कि नॉलेज सेंटर में तब्दील हो चुकी है। आप भी इस नॉलेज सेंटर के कर्ता-धर्ता बन सकते हैं।
लाइब्रेरियन के तीन काम:
लाइब्रेरी साइंस के तीन तरह के काम हैं- पाठकों को सामान्य सेवाएं देना (जैसे-पुस्तकों का आदान-प्रदान),
तकनीकी कार्य (किताबों की एंट्री, सूची बनाना या इंडेक्सिंग)
तथा प्रशानिक काम (सुविधाएं बढ़ाने या लाइब्रेरी से संबंधित कामकाज को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क रखना और पुस्तकों की खरीदारी आदि।
क्या है काम:
जानकारी का विश्लेषण करना तथा यह सुनिश्चित करना कि पाठक को सही समय पर सही किताबें मिल जाएं। रिकॉर्ड्स तैयार करना। नई किताबों पर नजर रखना और पाठकों के लिए उन्हें उपलब्ध कराना। साथ ही यह भी सुनिश्चित करवाना कि लाइब्रेरी में किताबें वापस भी आएं। लाइब्रेरी के अन्दर बेहतर माहौल तैयार करना। ये वे काम हैं, जिन्हें एक अच्छा लाइब्रेरियन आसानी से कर सकता है।
संभावनाएं:
स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविधालयों, निजी शक्षिक संस्थानों में तो लाइब्रेरी होती ही है, इसके अलावा सरकारी और निजी संस्थानों में भी लाइब्रेरी के साथ-साथ सन्दर्भ विभाग या रेफरेंस डिपार्टमेंट होता है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रसार ने भी रेफरेंस विभाग को बढ़ावा दिया है। नेशनल नॉनलेज कमीशन द्वारा तक़रीबन 1500 विश्वविधालयों खोलने की सिफारिश से आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में लाइब्रेरी खुलेगी। कॉरपोरेट कंपनियां भी अपने यहां लाइब्रेरी को प्रमोट कर रही है और स्टाफ को आकर्षक सैलरी ऑफर कर रही है। अब अधिकतर लाइब्रेरीज खुद को वीडियो लाइब्रेरी, कैसेट-सीडी लाइब्रेरी, कम्प्यूटर लाइब्रेरी, साइबर लाइब्रेरी, इंटरनेट लाइब्रेरी, फोटो लाइब्रेरी, सॉन्ग लाइब्रेरी (रेडियो स्टेशन या एफएम चैनल्स में), स्लाइड लाइब्रेरी के रूप में बदल रही है। इसके लिए ट्रेंड प्रोफेशनल्स की जरूरत है।
रोजगार:
लाइब्रेरी साइंस अपने आप में एक बड़ा क्षेत्र है। देश में सभी विश्वविधालयों में इससे संबंधित कोर्स चलाए जा रहे हैं। इस क्षेत्र में आने वाले समय में रोजगार की संभावनाएं और ज्यादा बढ़ाने की उम्मीद है। भविष्य में देश के कई नए देशी और विदेशी विश्वविधालय खुलने वाले हैं। ऐसे में रोजगार के अवसर और ज्यादा प्रबल होंगे। रोजगार देने वाले संस्थानों में प्रमुख है विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनेस्को, संयुक्त राष्ट्र संघ,विश्व बैंक जैसे अंतराष्ट्रीय केन्द्र, मंत्रालय तथा अन्य सरकारी विभागों के पुस्तकालय, राष्ट्रीय स्तर के प्रलेखन केंद्र, पुस्तकालय नेटवर्क, समाचार पत्रों के पुस्तकालय, न्यूज चैनल्स, रेडियो स्टेशन के पुस्तकालय, स्कूल, कॉलेज,विश्वविधालय, केन्द्रीय सरकारी पुस्तकालय, राष्ट्रीय संग्रहालय तथा अभिलेखागार, विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत गैर-सरकारी संगठन, आईसीएआर, सीएसआईआर, डीआरडीओ, आईसीएसएसआर, आईसीएचआर, आईसीएमआर, आईसीएफआरई जैसे अनुसंधान तथा विकास केंद्र, विदेषी दूतावास ताकि उच्चायोगों में, सूचना प्रदाता संस्थाओं में इंडेक्स, डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया आदि में रोजगार की प्रबल संभावनाएं हैं।
सेलेरी:
लाइब्रेरी असिस्टेंट या टेक्निकल असिस्टेंट की शुरूआती सैलरी दस से पंद्रह हजार रूपये प्रतिमाह होती है। विश्वविधालयों या शैक्षणिक संस्थानों में असिस्टेंट लाइब्रेरियन के रूप में नियुक्ति होने पर और अच्छा वेतन मिलता है।