अनुज अवस्थी, नई दिल्ली: देश के अलग-अलग हिस्सों से आई रेप की घटनाओं के बाद भाजपा की मोदी सरकार ने पाॅक्सो एक्ट में संशोधन करने के लिए अध्यादेश जारी किया था। जिसमें 12 साल से कम उम्र की लड़की के साथ उम्र कैद या फिर फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। इस पूरे मामले को लेकर मोदी सरकार ने केंद्र सरकार में हलफनामा दाखिल किया है।

केंद्र की मोदी सरकार ने कहा कि मौत की सजा के लिए फांसी सबसे सही और सुरक्षित तरीका है। जबकि फायरिंग या इंजेक्शन बेहद अमानवीय और दर्दनाक है। इसके लिहाज से मोत की सजा देने के लिए फांसी ही सबसे सही तरीका है।

केंद्र सरकार को क्यों देनी पड़ी फांसी पर सफाई:

मोदी सरकार के रेप संबधित कानून में संशोधन करने के बाद और रेपिस्टों को फांसी की सजा वाले अध्यादेश को लेकर ऋषि मल्होत्रा नाम के एक वकील ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। दरअसल, इस याचिकाकर्ता ने फांसी की सजा को बेहद ही दर्दनांक करार बताया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि मौत की सजा के लिए फांसी के बजाय कोई दूसरा विकल्प अपनाया जाए ताकि मौत के वक्त अपराधी को किसी भी तरह की पीड़ा न हो।