अनुज अवस्थी, नई दिल्ली: 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत लगातार अच्छे फाॅर्म में दिखाई दे रहा है। भारतीय एथलीट एक के बाद एक नये कारनामे कर इतिहास रच रहे हैं। अगर आज के खेल की बात की जाए तो आज का पहला मेडल बॉक्सर मेरी कॉम ने भारत की झोली में डाला। आपको जानकारी के लिए बताते चलें कि उन्होंने आज भारत को 18वां गोल्ड दिलाया। मेरी कॉम की इस जीत के साथ ही भारत ने आज 6 गोल्ड मेडल जीत लिए।
CWG गेम्स ही एक ऐसी प्रतियोगिता है जिसमें मेरी कॉम ने अब तक मेडल नहीं जीता था। मेरी बॉक्सिंग रिंग के अंदर जितनी जुझारू हैं, असल ज़िंदगी की मुश्किलों का भी उन्होंने डट कर सामना किया है। 2011 में मेरी कॉम के साढ़े तीन साल के बेटे के दिल का ऑपरेश्न होना था। उसी दौरान मेरी कॉम को चीन में एशिया कप के लिए जाना था। फ़ैसला मुश्किल था।
आख़िरकार मेरी कॉम के पति बेटे के साथ रहे और मेरी कॉम एशिया कप में गईं और गोल्ड मेडल जीतकर लाईं। उनकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। मेरी के पास कितना हुनर और प्रतिभा है इस बात को बताने की जरुरत नहीं है। आपको बता दें कि मेरी कॉम पाँच बार विश्व चैम्पियन रह चुकी हैं और बॉक्सिंग में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। 2012 के लंदन ओलंपिक में उन्हें कांस्य मिला था।
पांच बार की विश्व चैम्पियन मेरीकॉम ने अपने आखिरी दो विश्व चैम्पियनशिप मेडल और ओलंपिक पदक मां बनने के बाद जीते। 2012 ओलंपिक में तो चुनौती ये भी थी कि मेरी कॉम को अपने भारवर्ग 48 किलोग्राम के बजाय 51 किलोग्राम वर्ग में खेलना पड़ा था। इस वर्ग में उन्होंने सिर्फ़ दो ही मैच खेले थे। बहराल, मेरी ने एक बार फिर साबित कर दिखाया कि अगर देश की बेटी कुछ भी ठान ले तो उसे हासिक करके ही मानती हैं। मेरी के इस कारनामें से भारत की चारो और वाहवाही हो रही है इस बात से नकारा नहीं जा सकता।