अगर आप भी किसी भी नेता अथवा पार्टी को पसंद नही करते है और नोटा में वोट देने के विचार रखते है तो आप जरा समझ लीजिये की नोटा आखिर क्या चीज है।
नोटा का अर्थ है- नन ऑफ द एबव, यानि इनमें से कोई नहीं।
आपको बता दें की जैसे आप नोटा में वोट डाल कर चले आते है तो साफ शव्दों में कहे की वोट डालने के लिए आप घर से न निकलते तो वो ही बेहतर होता क्योंकि नोटा में वोट डालना अथवा वोट डालने न जाना एक ही बात है और तो अगर आप ऐसा करते है तो आप उस उम्मीदवार को हराने जा रहे है जिसे आप थोडा बहुत अच्छा भी मानते है ।
एक छोटे से उदाहरण से समझें- मान लीजिये कि किसी निर्वाचन क्षेत्र मे अलग अलग राजनीतिक पार्टियों के 3 उम्मीदवार खड़े किये गये है-सभी की अपराधिक छवि रही है और ज्यादातर जनता उन्हे वोट नही देना चाहती और NOTA का इस्तेमाल करना चाहती है ! इन तीनो उम्मीदवारों के नाम मान लेते हैं कि X, Y और Z हैं ! इस निर्वाचन क्षेत्र मे कुल 100000 मतदाता है और यह मानते हुये कि शत प्रतिशत मतदान हो रहा है, 90000 मतदाता NOTA का बटन दबाते हैं ! बाकी के बचे हुये 10000 मतदाता जो वोटिंग करते है, उसके परिणाम कुछ इस प्रकार से हैं :
X को 3333 मत
Y को 3333 मत
Z को 3334 मत
कुल 10000 मत
अब इस नतीजे का मतलब यह हुआ कि 100000 के मतदाता वाले निर्वाचन क्षेत्र मे उम्मीदवार
“Z” को जिसे सिर्फ 3334 (सर्वाधिक) वोट मिले हैं, उसे विजयी घोषित कर दिया जायेगा ! यह बात हैरानी वाली तो है लेकिन नियम हमारी सरकार ने कुछ इस तरह से ही बनाये है, जिनको लोग सोचे समझे बिना ही NOTA-NOTA की रट लगाये ज़ा रहे है !
यह जानकारी हम खासकर इसलिए दे रहें है क्योंकि फेसबुक के कुछ बड़े ग्रुप में लोग नोटा दवाने के लिए लोगो प्रोत्साहित कर रहे है।