यूपी में दो लोकसभा उपचुनावों के लिए सपा-बसपा साथ आ गई हैं. इस बात पर पक्ष और विपक्ष में जोरदार बयानबाजी हो रही है. दोनों ओर से तीखे तंज कसे जा रहे हैं. पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गोरखपुर की एक रैली में कहा- ‘जैसे कोई तूफान आता है तो सांप और छछूंदर एक साथ मिल कर खड़े हो जाते हैं. यही स्थिति दोनों दलों की है. ये गठबंधन विकास विरोधी है.’ अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोरखपुर की ही एक जनसभा में योगी पर पलटवार किया है।
- पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा- “पता नहीं क्या बात है कि हम और आप अब सांप-छछूंदर बन गए हैं. मैं भी 1999 से राजनीति कर रहा हूं और जो लोग सांप और छछूंदर की बात कर रहे हैं उन्हें मैंने सदन में गूंगा बैठे हुए और टीवी पर रोते हुए देखा है”.
असल में सपा अध्यक्ष ने योगी को जो लम्हा याद दिलाया है, वो वर्ष 2007 का है, जब योगी सांसद हुआ करते थे. यूं तो योगी आदित्यनाथ अपने अलग अंदाज के स्वभाव से जाने जाते हैं और संसद में अक्सर उनकी आवाज़ बुलंद होती है. लेकिन उस दिन जब वो खड़े हुए तो वे बोल नहीं पाए और उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े. यह बात तब की है जब उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव का शासन हुआ करता था और केंद्र में मनमोहन सिंह थे. तब अपनी बात रखने के लिये योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा अध्यक्ष से विशेष अनुमति ली थी लेकिन जब वो बोलने के लिए खड़े हुए तो फूट-फूट कर रोने लगे. - कुछ देर तक तो वे अपनी इस रुलाई के चलते कुछ बोल ही नहीं पाए आखिर क्या बात थी इसने योगी को रोने पर मजबूर कर दिया, योगी ने कहा कि उत्तरप्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार उनके ख़िलाफ़ षडयंत्र कर रही है और उन्हें जान का ख़तरा है. रोते हुए उन्होंने आरोप लगाया था कि सपा सरकार उन्हें निशाने पर लेकर पुलिस के जरिए तंग करा रही है. तब बगल में बैठे योगी के साथी रूमाल निकालकर उनके आंसू पोंछ रहे थे और लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी उन्हें आश्वासन दे रहे थे कि वे अपनी बात कहें.