वाराणसी-पूर्व पीएम चंद्रशेखर सिंह यानी एक प्रखर वक्ता, लोकप्रिय राजनेता, विद्वान लेखक और बेबाक समीक्षक। जो देश के प्रधानमंत्री के रूप में आठ महीने से भी कम के कार्यकाल में रहे। यह 10 नवंबर, 1990 से 20 जून, 1991 तक पीएम के पद पर रहे। इतने दिनों में ही वे अपने जीवन की चाप लोगों के दिलों में छाप गए, जो व्यक्ति इनके जीवनी से अवगत है बो इन्हें दिल से याद करता है। राष्ट्रीय मसलों और जनता के सवालों पर सरकारों का विरोध भी किया और आवश्यक सहयोग भी।चंद्रशेखर सिंह एक ऐसे नेता थे जिससे इंदिरा गांधी जैसे बड़े नेता भी डरते थे, चंद्रशेखर सिंह 8जुलाई 2007 में इस दुनिया से अल्विदा लिए थे। उनके नेक कर्मों और विचारों से आज भी उन्हे लोग याद करते हैं।इसलिए न्यूज ओवर द् वर्ल्ड आपको उनकी जीवनी बता रहा है क्योंकि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेँद्र मोदी को कहा जाता है कि वे अपने मन की बात करते है तो आपको बता दे कि चंद्रशेखर सिंह अपनी मन की इतना मानते थे कि वे उनको भी चुनोती दे देते थे जिनकी बजह से बो सांसद थे और सांसद रहते न जाने कितने बार उन्हें मंत्री बनने को कहा गया लेकिन नही बने क्योंकि उन्हें सीधा प्रधानमंत्री बनना था और बने भी।
प्रधानमंत्री का कार्यकाल-
चंद्रशेखर सिंह सात महीनों तक प्रधानमंत्री भी बने, चरण सिंहके बाद वे दूसरे सबसे कम समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री थे। अपनेकार्यकाल में उन्होंने डिफेन्स और होम अफेयर्स के कार्यों को भी संभाला था। उनकी सरकार में 1990-91 का खाड़ी युद्ध भी शामिल है। इतना ही नहीं बल्कि उनकी सरकार पूरा बजट भी पेश नही कर पायी थी क्योकि कांग्रेस ने उनका साथ देने से मना कर दिया था। 1991की बसंत ऋतू में भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने दूसरे चुनाव में हिस्सा लेने की ठानी थी। और जब ये सब बाबू साहब को पता चला तो उन्होंने 6 मार्च 1991 में ही प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। क्योंकि उन्हें किसी कांग्रेसी का गुलाम बनना स्वीकार नही था।
बता दें कि चद्रशेखर सिंह मुलायम के राजनैतिक गुरु भी रहे इसी कारण मुलायम सिंह यादव ने दूसरी पार्टी तो बना ली लेकिन गुरु के सामने किसी नेता को खड़ा न किया’।