नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चल रहे टी20 मुकाबले में भारतीय गेंदबाज 188 रन के सम्मानजनक स्कोर को भी नहीं बचा पाए। मैच के बाद भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने भी इस चीज को माना कि सेंचुरियन में यह गेंदबाजों का दिन नहीं था। कल के मैच में भारतीय गेंदबाजों में सबसे बुरी गत तो लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल की बनी जिन्होंने अपने चार ओवरों में 16 रन प्रति ओवर के औसत से 64 रन दीए टी20 इंटरनेशनल मैचों में यह भारत की ओर से खेलते हुए सबसे महंगा गेंदबाजी विश्लेषण है। पिछला सबसे महंगा गेंदबाजी विश्लेषण चहल से पहले मध्यम गति के गेंदबाज जोगिंदर शर्मा के नाम पर था जिन्होंने वर्ष 2007 में डरबन में इंग्लैंड के खिलाफ 57 रन दिए थे।
यहां पर दिलचस्प बात ये है कि टी20 मैचों में भारत की ओर से सबसे बेहतरीन गेंदबाजी विश्लेषण भी हरियाणा के चहल के नाम पर ही है, उन्होंने पिछले साल फरवरी इंग्लैंड के खिलाफ बेंगलुरू में 25 रन देकर छह विकेट हासिल किए थे। टी20 इंटरनेशनल मैचों में ‘युजी’ के अलावा कोई अन्य भारतीय गेंदबाज अब तक छह विकेट नहीं ले पाया है. टी20 इंटरनेशनल में अब तक तीन गेंदबाजों ने ही छह विकेट लेने का करिश्मा किया है. चहल के अलावा श्रीलंका के अजंता मेंडिस ने इस कारनामे को दो बार अंजाम दिया है.
सबसे अधिक रन देने वाले भारतीय बॉलर बनने के अलावा चहल ने इस मैच में भारत की ओर से सबसे अधिक छक्के लुटाने का रिकॉर्ड भी बनाया. चहल की गेंदों पर चार ओवर के दौरान सात छक्के लगे. इसमें से छह छक्के तो अकेले दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज हेनरिक क्लासेन ने लगाए. चहल की गेंद पर एक अन्य छक्का फरहान बेहरदीन ने लगाया. यह क्लासेन की तूफानी बल्लेबाली का ही कमाल था कि चहल शुरुआत से ही रंग में नजर नहीं आए और उनका हर ओवर भारतीय टीम और खुद चहल के लिए बुरे अनुभव की तरह रहा. खास बात यह है कि अपने 16 टी20 मैचों के करियर में चहल ने इससे पहले केवल एक बार अपने चार ओवर में 50 से अधिक रन दिए थे. दिसंबर 2017 में श्रीलंका के खिलाफ इंदौर में हुए मुकाबले में उनके चार ओवर में 52 रन बने थे.