नई दिल्ली: इन दिनों आम आदमी पार्टी सियासत चरम पर दिखाई दे रही है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि ये घमासान राज्यसभा सीटों के लेकर मचा हुआ है। पार्टी के संस्‍थापकों में से एक कुमार विश्‍वास के समर्थक उन्‍हें राज्‍यसभा भेजने की मांग को लेकर पार्टी कार्यालय पर तंबू गाड़ कर बैठ गए थे।

इस बीच, पार्टी ने इस घटना को बीजेपी प्रयोजित हमला करार दिया है। बताते चलें कि कुमार विश्‍वास पहले ही राज्‍यसभा जाने की इच्‍छा जता चुके हैं। राज्‍यसभा के लिए 16 जनवरी को चुनाव होना है, जबकि नामांकन की अंतिम तिथि 5 जनवरी है। AAP प्रत्‍याशियों को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं ले सकी है।

AAP मुख्‍यालय पर गुरुवार यानि  कि 28 दिसंब सुबह को कुमार विश्‍वास के समर्थक पार्टी कार्यालय पर तंबू गाड़ कर बैठ गए थे। पार्टी के मीडिया मैनेजर विकास योगी ने कहा, ‘वे पहले बुधवार रात को आए थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्‍हें कार्यालय के अंदर नहीं आने दिया था। उस वक्‍त उनमें पार्टी का एक भी कार्यकर्ता नहीं था। सिर्फ एक ट्रक में सामान थे। इसके बाद वे लोग दोबारा गुरुवार सुबह तकरीबन 10 बजे कार्यालय पहुंचे। उनमें से कुछ AAP के सदस्‍य थे, जबकि अन्‍य लोग अजनबी थे। पार्टी कार्यालय पर यह बीजेपी प्रयोजित हमला था।’ दूसरी तरफ, कुमार विश्‍वास के समर्थकों ने दूसरी कहानी बयां की। उनका कहना था कि पार्टी ‘स्‍वराज’ या शक्तियों के विकेंद्रीकरण के आधार पर बनी थी। लेकिन, अब पूरी शक्ति अरविंद केजरीवाल के पास केंद्रीकृत हो चुकी हैं।

अवध क्षेत्र के लिए कभी पार्टी के संयोजक रहे अविनाश त्रिपाठी ने कहा, ‘हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि राज्‍यसभा में नामांकन के लिए पार्टी बाहरी लोगों को क्‍यों ढूंढ़ रही है। वे कुमार विश्‍वास और संजय सिंह जैसे पार्टी नेताओं को इसके लिए नामांकित क्‍यों नहीं करते हैं? अधिकार और शक्तियां इस हद तक केंद्रीकृत हो चुके हैं कि बस कुछ लोग ही इसका फैसला ले रहे हैं। गौरतलब हो कि इस मुद्दे को लेकर पार्टी में बार बार बगावत शुरु हो जाती है।