दिल्ली : केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को कहा कि सरकार और मीडिया को इससे साथ मिलकर लड़ने की जरूरत है। जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी जिससे मीडिया की आजादी कम हो। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और फिल्मों की भांति वेब स्ट्रीमिंग साइटों के लिए भी नियमन का होना आवश्यक है। ओटीटी मंचों में समाचार पोर्टल, ‘वेबस्ट्रिमिंग साइट’ जैसे हॉटस्टार, नेटफ्लिक्स और आमेजन प्राइम वीडियो आते हैं।

पीटीआई मुख्यालय में एजेंसी के पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान जावड़ेकर ने कहा कि मुख्य धारा मीडिया के कई संस्थानों ने सरकार से कहा है कि ओटीटी के साथ समान स्तर का मुकाबला नहीं है क्योंकि उनका कोई नियमन नहीं होता।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सलाह मांगी है कि इससे कैसे निपटा जाएं क्योंकि ओटीटी पर लगातार सिनेमा आ रहा है जिसमें.. अच्छा, बुरा और बहुत बुरा भी है। ऐसे में इससे कैसे निपटें, निगरानी कौन करे, किसे नियमन करना चाहिए? ओटीटी मंचों के लिए कोई प्रमाणन संस्था नहीं है। समाचार पोर्टल के लिए भी यही स्थिति है।’’

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया है। जबकि प्रिंट मीडिया की जवाबदेही भारतीय प्रेस परिषद, समाचार चैनलों की जवाबदेही न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए), विज्ञापनों के लिए भारतीय विज्ञापन मानदंड परिषद और फिल्मों के लिए सेंसर बोर्ड है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन, ओटीटी मंचों के लिए कुछ भी नहीं है।’’ भारत में समाचार पोर्टल तेजी से बढे हैं और उनमें से कई के सब्सक्राइबरों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। साथ ही जावड़ेकर ने फर्जी खबरों को लेकर भी चिंता जतायी। उन्होंने कहा, ‘‘यह पेड न्यूज से ज्यादा खतरनाक हैं।’’ फर्जी खबरों को रोकना होगा और यह हम सबका काम है। यह सिर्फ सरकार का काम नहीं है, यह सभी का काम है। जो सचमुच खबरों की दुनिया में हैं, उन्हें इससे लड़ना होगा।’’