दिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट राफेल डील मामले में आज फैसला सुनाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने 14 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. राफेल डील मामले में एक फैसला प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई सुनाएंगे और दूसरा फैसला न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ सुनाएंगे.

कोर्ट सरकार के उस दावे पर फैसला देगा, जिसमें सरकार ने कहा था कि 14 दिसंबर, 2018 के न्यायालय के फैसले की समीक्षा के लिए याचिकाकर्ताओं द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों पर उसका विशेषाधिकार है.

आपको बताते चले की केंद्र सरकार ने पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण की तरफ से दायर याचिका को खारिज करने की मांग की है. केंद्र का कहना है की तीनों याचिकाकर्ताओं ने अपनी समीक्षा याचिका में जिन दस्तावेजों का इस्तेमाल किया है, उनपर उसका विशेषाधिकार है और उन दस्तावेजों को याचिका से हटा देना चाहिए. अनाधिकृत रूप से मूल दस्तावेजों की फोटोकॉपी तैयार की गईं और इसकी जांच की जा रही है. वहीं, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दलील दी कि प्रस्तुत दस्तावेज विशेषाधिकार प्राप्त दस्तावेज हैं, जिन्हें भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 123 के अनुसार सबूत नहीं माना जा सकता है.

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि दस्तावेजों के प्रकटीकरण को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत धारा 8 (1) (ए) के अनुसार छूट दी गई है. याचिकाकर्ताओं में से एक प्रशांत भूषण ने अटॉर्नी जनरल के दावों को गलत बताते हुए कहा कि विशेषाधिकार का दावा उन दस्तावेजों पर नहीं किया जा सकता, जो पहले से ही सार्वजनिक क्षेत्र में हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 123 केवल “अप्रकाशित दस्तावेजों” की रक्षा करती है. याचिकाकर्ता अरुण शौरी ने कहा कि वह यह स्वीकार करने के लिए अटॉर्नी जनरल के आभारी हैं क्योंकि उन्होंने माना है कि दस्तावेज वास्तविक हैं और संलग्न दस्तावेज वे फोटोकॉपी हैं.