पटना : बजट सत्र में आज बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट पेश कर दिया। वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार के लिए 2 लाख 501 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। वित्त वर्ष 2018-19 में बिहार सरकार की ओर से 1 लाख 76 हजार 990 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था। इस वित्त वर्ष के बजट में 23 हजार 510 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के मुकाबले वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल राजस्व व्यय में भी अनुमान के अनुसार 18 हजार 490 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल राजस्व आय 1 लाख 36 हजार 739 करोड़ रुपये था, जिसे वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है। वहीं पूंजीगत व्यय में कुल व्यय की 22.58 प्रतिशत अर्थात 45 हजार करोड़ रुपये रखा गया है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में राजस्व बचत का लक्ष्य 21 हजार 516 करोड़ रुपये रखा गया है। राजकोषीय घाटा वित्तीय वर्ष 2019-20 में 16 हजार करोड़ रुपये का है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 5 लाख 72 हजार 827 करोड़ रुपये का 2.81 प्रतिशत है।

वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे बिहार के विकास को आगे ले जाने वाला बजट बताया है, उन्होंन कहा कि सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में 24 हजार 420 करोड़ रुपये देने का प्रावधान है। केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद है। शिक्षा पर 34 हजार करोड़, ग्रामीण विकास पर 15 हजार करोड़, सड़कों पर 18 हजार करोड़ बजट पेश किया गया है।

शिक्षा से सड़क तक खुले खजाने

बिहार सरकार ने बजट में विकास दर 11.3 फीसदी का रिकार्ड स्तर बरकरार रखने के लिए शिक्षा, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, समाज कल्याण, पथ निर्माण, स्वास्थ्य, उर्जा में बजट का आर्कषक तोहफा दिया है। शिक्षा विभाग में 34 हजार 798 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है, वहीं सड़क निर्माण के क्षेत्र में 17 हजार 923 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है। ग्रामीण विकास पर 15 हजार 669 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के हिस्से 9 हजार 622 करोड़ रुपये दिये गये हैं। बिहार सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा एवं समाज कल्याण विभाग से संबंधित विभागों द्वारा 10 हजार 615 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गये हैं।