पटना : श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित कर्पूरी ठाकुर जयंती समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरक्षण की सीमा बढ़ाए जाने की बात कही. उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि आखिर कब-तक एक सीमा तक आरक्षण रहेगा. आबादी के अनुसार सभी जातियों को आरक्षण मिलना चाहिए. इसके लिए जरूरी है कि 2021 में जाति के आधार पर जनगणना हो. उन्होंने कहा कि 2011 के सामाजिक, आर्थिक, जाति जनगणना सर्वेक्षण के आंकड़े ठीक नहीं हैं. इसलिए इसे आजतक प्रकाशित नहीं किया गया. जाति आधारित जनगणना की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना से ये साफ़ हो जाएगा, किस जाति की कितनी संख्या है. इसके बाद संविधान में संशोधन कर यह प्रावधान किया जाना चाहिए, जिससे आबादी के अनुसार सभी जातियों को आरक्षण का लाभ मिले.
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार की तर्ज पर केंद्र में भी पिछड़ा वर्ग को दो श्रेणियों में बांट कर आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए. उन्होंने लालू प्रसाद का नाम लिए उन पर निशाना साधा और कहा कि 1993 में बिहार सरकार अतिपिछड़ों के आरक्षण को समाप्त करके सिर्फ पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का प्रावधान करना चाहती थी. मैंने इसका विरोध किया और यह होने नहीं दिया. इसके बाद मेरे खिलाफ जुलूस निकालने की कोशिश की गई. मैंने कभी अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा-अतिपिछड़ा, महिलाओं और अल्पसंख्यों के अधिकारों से कोई समझौता नहीं किया है.
नीतीश कुमार ने कहा कि अतिपिछड़ा समाज को अलग-अलग जाति में बंट कर नहीं, बल्कि एकजुट रहना चाहिए. आज आपलोगों को जो सम्मान मिला है, उससे समझौता नहीं कीजिएगा. लोग सिर्फ सत्ता में आने के लिए हर तरह की बात करते हैं. आप सभी मिलकर मकान बनाइएगा तो वह बहुमंजिला होगा. उन्होंने कहा कि आरक्षण का लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि आप सक्षम बनें. अपने बेटे-बेटियों को खूब पढ़ाएं.
गरीब सवर्णों के आरक्षण का जिक्र करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने गरीब सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण दिया है, जिसे बिहार में भी लागू किया जाएगा. इससे अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के लिए पूर्व से निर्धारित आरक्षण में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा. सवर्णों को अलग से दस फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. इसको लेकर कोई भ्रम पैदा करे तो उसके चक्कर में आपलोग नहीं पड़ें. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कर्पूरी ठाकुर 64 साल की उम्र में ही दुनिया से चले गये, नहीं तो वे देश के प्रधानमंत्री भी बनते.