संतोष सिंह, वरिष्ठ पत्रकार
मोदी जी शायद दुनिया के ऐसे पहले पीएम होगे जो अपने पूरे कार्यकाल के दौरान कभी मीडिया से बात नहीं कि ,लेकिन कल के उनके संवाद से ये साफ महसूस हुआ कि उन्हें पता है कि देश की जनता का मूढ क्या है , उनके किस फैसले से जनता नराज है ,और यही वजह रही कि मोदी मध्यवर्ग कि जमकर तारीफ कि नोटबंदी और जीएसटी को लेकर उस तरह से आक्रमक नहीं दिखे जैसे वो पहले दिखते थे ।
किसान औऱ ,छोटे व्यापारी के साथ सरकार खड़ी है ऐसा वो बार बार दिखा रहे थे ,वही कांग्रेस और गांधी परिवार को लेकर भी उतने आक्रमक नहीं दिखे जैसे वो अक्सर दिखते थे। पूरे वार्ता के दौरान मोदी के चेहरे पर वो प्रकाश औऱ तेज कभी नहीं दिखा जो कल तक दिखता था ।ये भी साफ साफ नजर आया कि आर्थिक सुधार को लेकर इनके पास कोई भिजन नहीं है, नोटबंदी जीएसटी के प्रभाव को कैसे कम करे इसको लेकर भी कोई सोच नहीं दिखा,किसान और छोटे व्यापारी के कष्ट को ये समझ रहे हैं लेकिन उससेस निजात कैसे पाया जाये इसकी भी कोई सोच नहीं दिखी ।
पार्टी के अंदर अमित शाह को लेकर आक्रोश है ये वो समझ रहे हैं लेकिन उनके पास इसका भी कोई ऱणनीति है ऐसा भी महसूस नहीं हुआ क्यों जो भी सवाल किये जा रहे थे वो सारे तय थे येे पूरे वार्ता के ये दौरान दिख रहा था ऐसे में अमित शाह से जुड़े सवाल का टाल जाना बहुत कुछ कह रहा है ।
मां गंगा ने बुलाया है इसको लेकर उनकी असहजता साफ दिख रही थी कि गंगा कि एक इंच भी सफाई नहीं कर पाये .
पूरे वार्ता के दौरान पाकिस्तान,सेना औऱ सर्जिकल स्ट्राइक के सहारे देश कि जनता को एक बार फिर से प्रभावित करने कि कोशिश करते जरुर दिखे है ये जरुर है कि इनके इस वार्ता से नराज चल रहे इनके कोर वोटर का गुस्सा जरुर शांत हुआ होगा लेकिन वोट में परिणत हो जाये बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है ।