पटना डेस्क: दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम आयुष्मान भारत योजना का शुभारम्भ रविवार को रांची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. साथ ही राजधानी पटना समेत राज्य के सभी जिलों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. पटना के ज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यपाल लालजी टंडन सहित केन्द्र और राज्य सरकार के कई मंत्री और बड़े नेता शामिल हुए.
आयुष्मान भारत के मंच से नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में खुद के किए कामों का बखान ज़बरदस्त ढंग से किया. कुछ समय तो ऐसा लगा की लगा मानो वो आयुष्मान भारत से खुद के किए कामों की तुलना कर रहे हों. उन्होंने राज्य सरकार की मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष की खूबियों को विस्तार से भी बताया.
नीतीश कुमार ने भाषण की शुरुआत केंद्र सरकार और पीएम मोदी को आयुष्मान भारत योजना के लिए धन्यवाद देते हुए की. नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष का जिक्र करते हुए कहा की राज्य में पहले से ही चल रही हेल्थ स्कीम में ढाई लाख तक की आमदनी वाले परिवारों को कई गम्भीर बीमारियों के इलाज के लिए 10 लाख तक की चिकित्सीय सहायता दी जाती है. इस स्कीम का लाभार्थी बिहार के बाहर दूसरे राज्यों में भी लाभ ले सकते हैं.
नीतीश कुमार ने बताया कि 2005 में सत्ता में आने के बाद से ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई योजनाएं शुरू की. सरकार बनाने के बाद 2006 में सर्वे कराया जिसमें पता चला कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महीने में आने वाले मरीजों की संख्या महज 39 थी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने मरीजों के लिए कई दवाएं मुफ्त उपलब्ध कराने का फैसला लिया. फिर कुछ ही महीनों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचने वाली मरीजों की संख्या 1500-2000 हो गई और ताजा सर्वे के मुताबिक ये संख्या 11 हजार पहुंच चुकी है.
मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष की जमकर तारीफ करने के साथ ही नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि आयुष्मान भारत योजना शुरू होने के बावजूद राज्य सरकार की हेल्थ स्कीम चालू रहेगी.