मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को लेकर मुख्य विपक्षी दल राजद ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। दिल्ली के जंतर-मंतर पर राजद के समर्थकों ने धरना दिया है। जिसे कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त हुआ है। आम आदमी पार्टी, हम, लोकतांत्रिक जनता दल, माकपा, सपा, त्रिणमूल कांग्रेस जैसे दल इस धरना प्रदर्शन में राजद के साथ जंतर-मंतर पर दिखाई दे रहे हैं। यह 2019 की विपक्षी एकता के तौर पर भी देखा जा रहा है, जहां कई विपक्षी पार्टियां अपनी एकजुटता को और भी मजबूत करने की कवायद को आगे बढ़ायेंगे। बिहार के मुजफ्फरपुर कांड को लेकर गरमाई राजनीति में बिहार के साथ-साथ देश की सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट हो गई हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार को घेरने के लिए विपक्ष ने कमर कस लिया है। सभी पार्टियों ने जमकर नीतीश सरकार पर हमला बोला है, साथ ही केंद्र पर उन्होंने अपनी भड़ास निकाली और मोदी सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया है। जंतर-मंतर पर शुरू हुआ प्रदर्शन देश की राजनीति में बदलाव लाने के इरादे से भी किया जा रहा है।
विपक्षी पार्टियों ने जलाया कैंडल
18 विपक्षी पार्टियों का यह जमावड़ा एक संदेश देने के लिए दिया गया है। बिहार सरकार को इस प्रदर्शन में घेरने की तैयारी की गई। सभी पार्टियों ने शांति, समभाव, एकता और न्याय के लिए कैंडल भी जलाया। उन्होंने केंद्र की सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि केंद्र की सरकार मानवता, एकता, समभाव और शांति के खिलाफ है। हमें ऐसी सरकार को रोकने के लिए 2019 में अपनी एकता को मजबूत करना होगा। लोकसभा प्रस्ताव के बाद विपक्षी पार्टियों की एकता का यह पहला बड़ा प्रदर्शन है, जिसका श्रेय तेजस्वी यादव को जाता है। इस प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी आए, पर वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आने के पूर्व ही निकल गए।
देश में कमजोरों को दबाया जा रहा है
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपने संबोधन में बिहार सरकार और केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सिर्फ बिहार की बच्चियां ही नहीं, देश में इस वक्त गरीबों, कमजोरों, दलितों, शोषितों को दबाया जा रहा है। उनकी हकमारी की जा रही है। परंतु हम इस पंक्ति के साथ खड़े थे और हमेशा खड़े रहेंगे और हमारी यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक बीजेपी-आरएसएस को रोक नहीं लेते। राहुल ने नीतीश कुमार पर अरोप लगाते हुए कहा कि यदि वो कानून के प्रति प्रतिबद्ध हैं तो उन्हें यह घटना पूर्व में क्यों नहीं
दिखाई पड़ी? अगर वे शर्मसार हैं तो उन्हें कड़ी औक्र ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।
बिहार में राक्षस राज है-तेजस्वी
राजद नेता तेजस्वी यादव ने प्रदर्शन में अपने भाषण आरंभ करते ही नीतीश कुमार पर हमला बोलना शुरू कर दिया। उन्होंने इस बात पर पर्दा डालने के लिए नीतीश कुमार को दोषी ठहराया। उन्होंने मुजफ्फरपुर कांड को मानवता के ऊपर कलंक बताया है। उन्होंने बिहार में बढ़ते अपराध पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा रेप, मर्डर, फिरौती आदि वारदातें एक साल में बहुत बढ़ गया है। लॉ एंड ऑर्डर पर नीतीश कुमार का कंट्रोल नहीं रह गया है। इस केस में जब 29 बच्चियों के साथ रेप की पीएमसीएच की रिर्पोट से पुष्टि हुई तब इस सरकार की नींद खुली। 2 महीने तक इस रिर्पोट को दबाकर रखा गया। नीतीश कुमार की अंतरात्मा उस वक्त नहीं जागी। ब्रजेश ठाकुर का नाम पुलिस एफआईआर और समाज कल्याण विभाग की रिर्पोट में नहीं है, मुख्य आरोपी होते हुए भी उसे रिमांड पर नहीं लिया गया। मुजफ्फरपुर कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के साथ नीतीश कुमार के पहले से सांठ-गांठ थे, ब्रजेश ठाकुर जदयु का नेता है। नीतीश कुमार उसके घर भी गए हैं। 2014 में मुजफ्फरपुर में हुई नीतीश की सभा का संचालन ब्रजेश ठाकुर ने ही किया था। तेजस्वी ने कहा कि बालिका गृह की बच्चियों की सुरक्षा के लिए उन्हें दिल्ली शिफ्ट कर देना चाहिए जिससे केस की निष्पक्ष जांच हो सके। साथ ही उन्होंने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को फांसी देने की मांग की।
दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले
लोकतांत्रिक जनता दल शरद यादव ने भी बिहार सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले एक साल में नीतीश कुमार सरकार चलाने में फेल हैं। मुजफ्फरपुर कांड ने नीतीश कुमार और भाजपा के झूठे शान की पोल खोल दी है। बच्चियों के साथ इतना कुछ घट गया और बिहार सरकार को खबर तक नहीं लगी। सरकार ब्रजेश ठाकुर को फंड मुहैया कराती रही। यह बिहार की बच्चियों के साथ अन्याय है। इस पूरे कांड के आरोपी के साथ-साथ उनकी सहायता करने वाले नेताओं को भी सजा मिलनी चाहिए। इस प्रकार बच्चियों के साथ जानवरों जैसा सलूक किया गया है कि मानवता भी शर्मसार हो गई है। इस केस से जुड़े सभी आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिले।
इस धरना प्रदर्शन में तेजस्वी यादव के अलावा मीसा भारती, मनोज झा, डी, राजा, सीताराम येचुरी, शरद यादव, तमाम राजद के कार्यकत्ता और नेता तथा विपक्षी पार्टियों के नेता दिखे।