दिल्ली: आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जा ना मिलने से नाराज़ टीडीपी ने शुक्रवार सुबह एनडीए से अलग होने का फैसला ले लिया. साथ ही सोमवार (19 मार्च) को टीडीपी लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव भी पेश कर सकती है. टीडीपी के इस बड़े फैसले पर एनडीए की सहयोगी दल शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा, ‘टीडीपी ने नाता तोड़ा है, हम भी लगभग से टूट चुके हैं. हम मजबूरी में साथ बैठे हैं.’ साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, ‘2019 में बीजेपी 110 सीटें कम हो रही है. कहां से लेकर आएंगे इतनी सीटें. बीजेपी जब गोरखपुर में हार सकती है तो यह बहुत खतरे की घंटी है।
बता दें कि शिवसेना नेता ने कहा, ‘टीडीपी के बाहर जाने से फर्क तो पड़ेगा ही, लेकिन शायद बीजेपी को नहीं पड़ेगा. बीजेपी को लगता है कि सभी सहयोगी दलों के बिना भी वह देश में एक बार फिर चुनाव जीत सकते हैं. अगर उनको ऐसा लगता है तो लगने दो. उनको लगता है कि उनकी ताकत गोरखपुर के बाद ज्यादा बढ़ गई है. यह उनका आत्मविश्वास है. उनके आत्मविश्वास पर ज्यादा बोलना ठीक नहीं है. लेकिन टीडीपी ने नाता तोड़ा है, हम भी लगभग से टूट चुके हैं. हमारा कोई नाता नहीं है. मजबूरी में बैठे हैं. हम देश को राज्य को अस्थिर नहीं बनाना चाहते. हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।
संजय राउत ने कहा, ‘देश के सामने जो प्रश्न हैं वह हल नहीं हो रहे हैं. देश का मुद्दे भ्रष्टाचार का है, नीरव मोदी का है, किसानों का है. इसको लेकर सरकार की आरे से क्या किया गया? सिर्फ शत प्रतिशत अपनी पार्टी को बनाने की बात करते हो. अमेरिका तक चुनाव लड़ सकते हो आप, लेकिन यह देश हिंदुस्तान है. हिंदुस्तान इस तरीके से नहीं चलेगा. हम 25 साल के रिश्तेदार हैं. फिर भी आप रिश्ता नहीं निभाना चाहते. आज टीडीपी ने नाता तोड़ा, हम टूट चुके हैं. बिहार की भी छोटी पार्टियां टूट चुकी हैं. गोरखपुर में जनता ने जो संदेश दिया है ये सिर्फ गोरखपुर का नहीं है, ये मैसेज देश का है. इस देश की जनता नाता रिश्ता तोड़ना चाहती है. अभी नहीं सीखना चाहते हैं, आप बहुत बड़े ज्ञानी हैं. हमारी आपको हमेशा शुभकामनाएं रहेंगी. आपकी प्रगति हो, पूरे विश्व में राज करें।
अविश्वास प्रस्ताव पर संजय राउत ने कहा, ‘यह सब तो चलता रहेगा. पहला पत्थर कौन फेंकेगा राजनीति में उसकी बात होती है. मुझे लगता है की शुरुआत हो गई है. हम आगे देखेंगे. इस पर आज कोई चर्चा नहीं होगी. लेकिन मैं यह बताना चाहता हूं यह जो चल रहा है इसके सूत्रधार तो हम हैं. हमने देश को यह संदेश दिया है।
महागठबंधन के साथ जाने पर संजय राउत का कहना कि, ‘थर्ड फ्रंट हो या कांग्रेस के नेतृत्व वाली कोई बात हो. हम उसके साथ नहीं जा सकते. हमारी एक विचारधारा है.’ बीजेपी के साथ जाने पर संजय रावत का कहना कि, ‘हम अलग से चुनाव लड़ेंगे. चुनाव के नतीजे क्या होंगे अभी उसका निर्णय नहीं दे सकते. लेकिन इतना जरूर बता सकता हूं कि बीजेपी 2019 में 110 सीटें कम हो रही है. कहां से लेकर आएंगे इतनी सीटें. बीजेपी जब गोरखपुर में हार सकती है तो यह बहुत खतरे की घंटी है।