एआईसीटीई ने बदला इंजीनियरिंग का पाठ्यक्रम-
अब इंजीनियर बनने के लिए आपको तकनीकी शिक्षा के साथ ही वेद, पुराण और तर्कशास्त्र भी पढ़ना होगा। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने देशभर में इंजीनियरिंग का सिलेबस बदल दिया है। इसके तहत कई और बड़े बदलाव करते हुए एआईसीटीई ने किताबी शिक्षा के साथ व्यवहारिक ज्ञान को प्राथमिकता दी है।
एआईसीटीई की ओर से किए गए बदलावों के मुताबिक सभी बीटेक छात्रों को अब वेद, पुराण और तर्कशास्त्र पढ़ना जरूरी होगा। यह सिलेबस का अनिवार्य हिस्सा बना दिया गया है। पहली बार वेद, पुराण और तर्कशास्त्र को शामिल किया गया है। नए बदलावों के तहत अब एक सेमेस्टर को पास करने के लिए 220 के बजाय केवल 160 क्रेडिट ही पर्याप्त होंगे 160 में से 14 क्रेडिट के लिए समर इंटर्नशिप अनिवार्य कर दी गई है नए बदलावों के तहत अब छात्र को थ्योरी के बजाय प्रैक्टिकल पर ज्यादा फोकस रहेगा। इसके तहत छात्र लैब में पड़ेंगे और उद्योगों में सीखेंगे ।
इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए संविधान और एनवायरमेंट की पढ़ाई भी अनिवार्य कर दी गई है इसके बिना छात्र को इंजीनियरिंग की डिग्री नहीं मिलेगी इंजीनियरिंग की दुर्दशा के चलते यह तय किया गया है कि थ्योरी के साथ ही उससे ज्यादा फोकस अब इंटर्नशिप पर रहेगा छात्र हर सेमेस्टर के बाद अपनी पढ़ाई को समझने के लिए इंडस्ट्रीज में इंटरशिप करेंगे माना जा रहा है कि अभी तक 7% छात्र ऐसे इंजीनियरिंग बने रहे हैं जिन्हें अपने ट्रेड की व्यावहारिक जानकारी 0 के बराबर होती है इस वजह से इंजीनियरिंग में बीते कुछ वर्षों में बेरोजगारी बढ़ी है। उत्तराखंड तकनीकी विवि के कुलपति डॉ. उदय सिंह रावत के मुताबिक एआईसीटीई के बदले हुए नियम नए सत्र से लागू कर दिए जाएंगे।