पटना : बजट सत्र के तीसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2021 में होने वाली जनगणना जातीय आधार पर होनी चाहिए. उन्होंने कहा इस मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष एक साथ है. सदन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर केंद्र को भेजा जाए.
नीतीश कुमार ने कहा कि जो लोग आज आरक्षण के मुद्दे पर मुझसे सवाल पूछ रहे हैं उन्हें और जानकारी प्राप्त करने की जरूरत है. मैं 1990 से ही जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहा हूं. तब मैं केंद्र में वीपी सिंह की सरकार में राज्यमंत्री था. मैंने केंद्र सरकार से जातीय जनगणना कराने की मांग की थी. मुझे कहा गया कि जनगणना का काम शुरू हो गया है.
नीतीश ने कहा कि 2001 के सर्वेक्षण में भी देश में किस जाती के कितने लोग हैं इसका पता नहीं चला. सर्वेक्षण से यह तो पता चल जाता है कि एससी और एसटी की कितनी आबादी है, लेकिन यह नहीं पता चलता कि अन्य जातियों कि कितनी आबादी है और उनकी सामाजिक स्थिति क्या है.
2001 में जातीय सर्वे तो हुआ, लेकिन वह भी ठीक से नहीं हुआ. गरीब सवर्ण को मिले 10 फीसदी आरक्षण पर नीतीश ने कहा कि इसमें विरोध करने जैसा कुछ नहीं है. पुराने आरक्षण से किसी प्रकार का कोई छेड़छाड़ नहीं किया गया है.