रालेगण सिद्धी: लोकपाल को लेकर अन्ना हजारे एक बार फ़िर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। हड़ताल के चौथे दिन उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कुछ हुआ तो उसकी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की होगी।
जन आंदोलन सत्याग्रह के बैनर तले 30 जनवरी से केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त लाने की मांग के साथ अन्ना हजारे भूख हड़ताल पर हैं।
हजारे ने कहा, ‘लोग मुझे ऐसे इंसान के तौर पर याद रखेंगे जो स्थिति से निपटता था, ऐसे इंसान के तौर पर नहीं जो आग भड़काता था। अगर मुझे कुछ हुआ तो लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार मानेंगे।
उन्होंने कहा कि लोकपाल के जरिए प्रधानमंत्री के खिलाफ भी जांच हो सकती है, अगर लोग उनके खिलाफ कोई सबूत पेश करते हैं।
इसी तरह लोकायुक्त के होने से मुख्यमंत्री और उनके नीचे काम करने वाले सभी मंत्री और विधायकों के खिलाफ कोई सबूत देता है तो उनके खिलाफ भी जांच हो सकती है। उन्होंने कहा कि इसीलिए कोई भी पार्टी लोकपाल या लोकायुक्त नहीं लाना चाहती। लोकपाल 2013 में संसद में पास हो गया था, लेकिन सरकार ने अभी तक नियुक्ति नहीं की है।