नई दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट की स्पेशल सीबीआई अदालत ने यूपीए-2 के कार्यकाल में हुए सबसे बड़े 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के आवे के बाद से राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया है। कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक बीजेपी और तत्कालीन कैग प्रमुख विनोद राय को आड़े हाथों ले रही है। राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जिस घोटाले के आरोपों पर हम विपक्ष में आए, वह घोटाला हुआ ही नहीं। राज्यसभा में इस मामले पर जोरदार हंगामा हुआ।
तो वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल ने कहा है, ‘साबित हो गया कि विपक्ष के झूठ का घोटाला हुआ है। बिना किसी सबूत के UPA सरकार पर निराधार आरोप लगाए गए।’ सिब्बल ने कहा, ‘तत्कालीन कैग विनोद राय ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ साजिश की थी। इस फैसले ने साबित कर दिया है कि राय की निष्ठा किस ओर थी। जब मैंने जीरो लॉस की बात कही थी तो तत्कालीन विपक्ष और ऑनलाइन ट्रोलर्स ने मुझे निशाने पर लिया था। आज यूपीए सरकार की बात पर मुहर लगाई है।’
इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कहा है कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, ‘UPA सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया। कोर्ट के फैसले से आरोप बेबुनियाद साबित हुए। खराब नीयत से आरोप लगाए गए थे।’ कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि पूर्व सीएजी विनोद राय को देश से माफी मांगनी चाहिए। बता दें कि विनोद राय इस वक्त बीसीसीआई के प्रशासक समिति (सीओए) के प्रमुख हैं।
पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘एक हाई प्रोफाइल 2 लाख करोड़ के घोटाले में सरकार के वरिष्ठ पदों पर बैठे लोगों के शामिल होने की बातें पूरी तरह से निराधार थीं। हम हमेशा यही कहते रहे और मुझे बेहद खुशी है कि आज सत्य की जीत हुई है।’ लोकसभा सांसद शशि थरूर ने भी फैसले पर खुशी जताई और कहा कि निर्दोष लोगों को झूठे मुकदमे में फंसाया गया था। देश की न्यायपालिका ने वैसे ही काम किया जैसे उसे करना होता है ।