डीएमके चीफ एम. करूणानीधि का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 6 दशक से तमिलनाडु की राजनीति में भीष्म पितामह की तरह खड़े रहने वाले करूणानीधि ने आज शाम कावेरी अस्पताल, चेन्नई में आखिरी सांस ली। 5 बार मुख्यमंत्री बनने वाले करूणानीधि को उनके चाहने वाले कलैंग्नर कहकर पुकारते थे। उनकी मौत के बाद अस्पताल के बाहर उनके समर्थकों की भीड़ लगी है। वो अपने नेता की एक अंतिम झलक पाने को बेताब हैं और वे उन्हें याद कर रो भी रहे हैं। आपको बताते चलें कि करूणानीधि की अचानक तबीयत बिगड़ जाने के कारण उन्हें 28 जुलाई को कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज दोपहर अचानक उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी, उसके बाद अगले 24 घंटे बहुत ही महत्वपूर्ण माने जा रहे थे, परंतु इसी बीच अचानक खबर आई कि शाम 6 बजकर 10 मिनट पर उनकी मृत्यु हो गई है। उसके बाद से उनके समर्थकों के अस्पताल आने का तांता लगा हुआ है। पूरे तमिलनाडु में शोक की लहर दौड़ गई है। करूणानीधि की पहचान सामाजिक उत्थान के लिए लड़ने वाले नेता के रूप में रही है। उन्हें दलितों, गरीबों के उत्थान के लिए काम करने को याद किया जाता रहा है। उनकी मौत के फौरद बाद ही उनके बेटे स्टालिन ने तमिलनाडु की जनता उनके प्रशंसकों से शांति बनाये रखने की अपील की है। हालांकि उनके अंतिम दर्शन के लिए दो दरवाजे खोल दिये गये हैं। उनकी मृत्यु के बाद से बड़े-बड़े नेताओं के ट्वीट आने लगे हैं। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी तुरंत अपनी प्रतिक्रया व्यक्त की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे तमिलनाडु की राजनीति के एक युग का अंत बताया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपनी प्रतिक्रिया में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें प्रसिद्ध नेता बताया जो अपनी सुदृद्ध विरासत छोड़कर जा रहे हैं, उनके परिवार और उनके चाहने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी करूणानीधि को ट्वीट के जरीये श्रद्धांजलि दी। साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट किया। दक्षिण भारत के सुपरस्टार रजनीकांत ने भी इस मौके पर शोक व्यक्त किया है, और उसके बाद लगातार नेताओं की श्रद्धांजलि भरे बयान आ रहे हैं। आपको बताते चलें कि कल उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। इसमें तमिलनाडु और देश के तमाम नेतागण शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होंगे। खबरों के मुताबिक डीएमके चीफ को मरीन बीच पर दफन करने के प्रस्ताव को तमिलनाडु सरकार ने नहीं माना है और उन्हें किसी दूसरी जगह उनको चुनने को कहा है।