जहां तक बातचीत का मामला है तो मसला यह है कि
हमसे यही कहा जाता है कि आप अयोध्या से बाहर मस्जिद बनाएं, यह तो हुक्म देने वाली बात हुई.
‘कुछ तुम पीछे हटो, कुछ हम हटें’ वाली कोई बात ही नहीं होती.

लखनऊ: राम मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या में विश्व हिन्दू परिषद की ‘धर्म सभा’ और शिवसेना की गतिविधियों के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि ये सुप्रीम कोर्ट के लिए खुली चुनौती है. और ये मसला एक मस्जिद को देने का नहीं है, बल्कि उसूल का है. मुस्लिम इस मुल्क में धीरे-धीरे और कितनी मस्जिदें कुर्बान करेंगे?

बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने अयोध्या में हो रही ‘धर्म सभा’ और शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के दर्शन कार्यक्रम पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ऐसे हालात बनाए जा रहे हैं, जिससे स्पष्ट तौर पर मुसलमानों के खिलाफ फिजा बन रही है.

उन्होंने कहा, ‘उसके साथ-साथ अदालती निजाम को भी खुली चुनौती दी जा रही है. आज धर्म सभा में लगा जमावड़ा इस पर मुहर लगा रहा है.’ रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई हाजी महबूब द्वारा बातचीत के जरिए मसले के हल की श्रीश्री रविशंकर की कोशिशों का समर्थन किए जाने के बारे में बोर्ड महासचिव ने कहा कि जहां तक बातचीत का मामला है तो मसला यह है कि हमसे यही कहा जाता है कि आप अयोध्या से बाहर मस्जिद बनाएं, यह तो हुक्म देने वाली बात हुई. ‘कुछ तुम पीछे हटो, कुछ हम हटें’ वाली कोई बात ही नहीं होती.

 

वली रहमानी ने कहा, हम किसी एक पक्ष से बातचीत करें तो कल उसे हटा दिया जाएगा और दूसरे लोग खड़े हो जाएंगे. श्रीश्री रविशंकर ने कहा था कि आप अयोध्या से बाहर बहुत बड़ी मस्जिद बना लीजिए. मगर बाद में श्रीश्री किनारे हो गए. सोचिए, अगर उनसे कोई समझौता कर लिया गया होता तो क्या होता.’

वली रहमानी ने आगे कहा, ‘अगर आज बाबरी मस्जिद के बारे में कोई समझौता किया जाए तो उसमें कई नुकसान है. पहला यह है कि तब कहा जाएगा कि अगर मुसलमान एक मस्जिद छोड़ सकते हैं तो दूसरी, तीसरी, चौथी क्यों नहीं. दूसरा, अगर ज्यादातर मुस्लिम पक्षकार मस्जिद की जमीन देने के समझौते पर दस्तखत कर भी देते हैं तो क्या गारंटी है कि हस्ताक्षर ना करने वाले लोग दूसरी मस्जिद के लिए हंगामा नहीं करेंगे.

वली रहमानी ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि दूसरे बहुत से हिन्दू भाई भी अयोध्या में जारी गतिविधियों को कोरी राजनीति मान रहे हैं. मगर जिस आंदोलन की बुनियाद पर हिन्दुओं को प्रभावित करने की कोशिश हो रही है, उसमें जरूर कामयाबी मिल रही है.