इस जगत में माँ की महिमा अपरम्पार है , माँ के प्यार की ,त्याग की कोई तुलना नहीं की जा सकती और जब इस अनमोल रूप में दैविक शक्ति का वाश हो जाये ममता के साथ साथ आशीष स्नेह प्राप्त करके मनुष्य का जीवन सार्थक हो जाता है | अत: हिन्दू धर्म में सभी देवी माँ अपने भक्तो के लिए करुणामई और सुखो का संचार करने वाली है |

 

पुराणों में मान्यता है की सबसे पहले भगवान श्री राम ने लंका विजय के ठीक १० दिन पूर्व इन शारदीय नवरात्रों में माँ भगवती की पूजा अर्चना की थी तभी से यह सनातन धर्म का मुख्य पर्व बन चूका है |
इन नवरात्रों को आदि शक्ति को समर्पण करते हुए जो भी भक्त इनमे साधना करता है वह दसो महाविद्याओं की प्राप्ति कर सकता है | माँ उसका पग पग पर कल्याण करती है | भगवती के आशीष से कर्म , ज्ञान और भक्ति के पथ पर आनंद की प्राप्ति करता है | इनकी कृपा और आराधना से मनुष्यों को स्वर्ग और अपुनरावर्ती मोक्ष प्रदान होता है।
चैत्र माह के इन नवरात्रों से ही हिन्दू नववर्ष प्रारम्भ होता है इस बार नवरात्री 18 से 25 तक है यानि आठ दिनों की है तिथि छय हो जाने के कारण।
नवरात्री में इन मंत्रो के जप से सभी मनोरथ पूर्ण होते है।
आपत्त्ति से निकलने के लिए~
1-शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे ।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तु ते ॥

भय का नाश करने के लिए~
2-सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिमन्विते ।
भये भ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमो स्तु ते ॥
पुत्र रत्न प्राप्त करने के लिए~
3-देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते ।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ॥

इच्छित पति प्राप्ति के लिये~
4-ॐ कात्यायनि महामाये महायेगिन्यधीश्वरि ।
नन्दगोपसुते देवि पतिं मे कुरु ते नमः ॥

इच्छित पत्नी प्राप्ति के लिये~
5-पत्नीं मनोरामां देहि मनोववृत्तानुसारिणीम् ।
तारिणीं दुर्गसंसार-सागरस्य कुलोभ्दवाम् ॥